चेन्नई : भारत और जापान के तटरक्षक बलों ने बुधवार को बंगाल की खाड़ी में संयुक्त अभ्यास किया जिसमें पोत और विमानों का भी इस्तेमाल किया गया. द्विवर्षीय खोज एवं राहत अभ्यास 2018 में भारतीय तटरक्षक बल के नौ पोतों और आठ विमानों ने भाग लिया, वहीं जापानी तटरक्षक बल के पोत त्सुगारू ने भागीदारी की. त्सुगारू के डेक पर हेलीकॉप्टर पैड या हेलो है.
भारतीय तटरक्षक बल के आईसीजी सारंग, सागर, शौर्य, वैभव, अनघ, रानी अब्बक्का, अभीक, सी-431, सी-432 और तीन डोर्नियर विमानों तथा चेतक हेलीकॉप्टरों ने बंगाल की खाड़ी में हुए इस अभ्यास में भागीदारी की. अभ्यास में भारतीय तटरक्षक बल के महानिदेशक राजेंद्र सिंह और जापानी तटरक्षक बल के कमांडेंट एडमिरल सातोशी नाकाजिमा भी मौजूद थे. इस दौरान 17 देशों से पर्यवेक्षक, जापान तटरक्षक बल का प्रतिनिधिमंडल और नेशनल मैरीटाइम सर्च एंड रेस्क्यू बोर्ड के सदस्य भी मौजूद थे.
अभ्यास के दौरान यह दृश्य सृजित किया गया कि एक क्रूज पोत का अपहरण कर लिया गया है. इसके बाद दोनों देशों के बलों ने यात्रियों को बचाने का अभियान चलाया. इस दौरान भारतीय तटरक्षक बल के हेलीकॉप्टर जापानी पोत पर उतरे और जापानी तटरक्षक बल के हेलीकॉप्टर भारतीय पोत पर उतरे. अभ्यास का समापन ‘जहाजों के स्टीम पास्ट’ और विमानों के ‘फ्लाई पास्ट’ के साथ हुआ. इस दौरान 1999 की एक घटना को भी दिखाया गया, जब जलदस्युओं ने जापानी ध्वज वाले पोत एमवी अलोंद्रा रेनबो का अपहरण कर लिया था. अभ्यास के दौरान इस जहाज का नाम एमवी मेगा रामा रखा गया. बाद में अरब सागर में भारतीय तटरक्षक बल ने मुंबई तट के निकट उन्हें पकड़ लिया.