अहमदाबाद : विश्व हिंदू परिषद के प्रमुख प्रवीण तोगड़िया द्वारा नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाले केंद्र सरकार पर लगाये गये आरोपों के बाद संघ परिवार के अंदर मोदी-बनाम तोगड़िया का विवाद गहरा गया है. विवाद बढ़ता देख अब विहिप के नेताओं ने अपने पितृ संगठन राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से दखल देने की मांग की है. प्रवीण तोगड़िया ने अहमदाबाद में कल अस्पताल से बाहर आने के बाद कहा था कि दिल्ली के राजनीतिक बॉस के इशारे पर क्राइम ब्रांच के ज्वाइंट कमिश्रनर जेके भट्ट मेरे व वीएचपी कार्यकर्ताओं के खिलाफ साजिश कर रहे हैं.
उधर, संतों ने तोगड़िया विवाद को लेकर दूरी बन ली है. वहीं, विहिप नेता रहे स्वामी चिन्मयानंद ने कहा है कि सात्विक-आध्यात्मिक कार्य कर रहे लोगों को नाकारात्मक दृष्टिकोण नहीं अपनाना चाहिए, ऐसा करना संस्था या व्यक्ति के हित में नहीं है.
प्रवीण तोगड़िया अपनी ही विचारधारा की सरकार से क्यों परेशान हैं?
उल्लेखनीय है कि सोमवार को अचानक प्रवीण तोगड़िया गायब हो गये थे और उसी रात वे बेहोशी की हालत में मिले थे. बाद में वे मंगलवार को मीडिया के सामने आये और उन्होंने आरोप लगाया कि उनके इनकाउंटर की साजिश रची जा रही है. उन्होंने भाजपा शासित गुजरात व राजस्थान पुलिस पर सवाल उठाया. वहीं, अहमदाबाद पुलिस ने कहा कि राजस्थान के एक कोर्ट आदेश के मामले में राजस्थान पुलिस की गिरफ्तारी से बचने के लिए तोगड़िया ने सारा नाटक किया है.
तोगड़िया बुधवार शाम अस्पताल से बाहर आये और मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने सीधे केंद्र सरकार पर आरोप लगाये. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी और जेके भट्ट के बीच हुई बातचीत के कॉल रिकार्ड को सार्वजनिक किया जाये. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के साथ उनकी इनकमिंग और आउटगोइंग कॉल का डिटेल्स सावर्जनिक किया जाये. उन्होंने यह भी कहा कि वे वकील के माध्यम से कानून कार्रवाई करने जा रहे हैं. उन्होंने यहां तक कि मैं अपने मित्र प्राइम मिनिस्टर से प्रार्थना करता हूं कि कम से कम गुजरात की क्राइम ब्रांच को कांसपेरेसी ब्रांच नहीं बनाया जाये. क्राइम ब्रांच की बहुत प्रतिष्ठ है, ऐसा करके लोकतंत्र की हत्या न की जाए.