चुनाव से पहले ही नगालैंड में भाजपा को बड़ा झटका, एनपीएफ ने गठबंधन तोड़ा

कोहिमा : पूर्वोत्तर के नगालैंड में विधानसभा चुनावों के एलान के साथ ही देश को कांग्रेस मुक्त भारत बनाने का सपना देख रही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को गुरुवार को तगड़ा झटका लगा. जिस नगा पीपुल्सफ्रंट (एनपीएफ) के साथ मिलकर वह कांग्रेस को सत्ता से दूर रखने की कोशिशों में जुटी थी, उसी एनपीएफ ने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 18, 2018 2:07 PM

कोहिमा : पूर्वोत्तर के नगालैंड में विधानसभा चुनावों के एलान के साथ ही देश को कांग्रेस मुक्त भारत बनाने का सपना देख रही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को गुरुवार को तगड़ा झटका लगा. जिस नगा पीपुल्सफ्रंट (एनपीएफ) के साथ मिलकर वह कांग्रेस को सत्ता से दूर रखने की कोशिशों में जुटी थी, उसी एनपीएफ ने भाजपा को सत्ता से दूर कर दिया है. जी हां. एनपीएफ ने भाजपा से गठबंधन तोड़ लिया है. इस दो दशक पुराने गठबंधन के टूटने से नगालैंड की राजनीति में भी भूचाल आ गया है.

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हालांकि, एनपीएफ के इस फैसले से पार्टी के कुछ नेता बेहद नाराज हैं. पार्टी के सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि गठबंधन तोड़ने की घोषणा पार्टी के नेता शुरोजेली के नेतृत्व में केंद्रीय पर्यवेक्षकों ने लिया है. लेकिन, एनपीएफ के एक धड़े ने इसे एकतरफा फैसला बताया. इस धड़े ने आरोप लगाया कि कि इस बारे में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से बिना कोई राय-मशविरा किये शुरोजेली ने गठबंधन तोड़ने का फैसला कर लिया.

पार्टी के कई अन्य नेताओं ने भी निजी तौर परइसफैसले का विरोध किया है. कहा है कि यह फैसला मुख्यमंत्री टीआर जेलियांग को फायदा पहुंचाने के लिए किया गया है. पार्टी के एक नेता ने कहा, ‘हम मुख्यमंत्री के उम्मीदवार के रूप में टीआर जेलियांग का समर्थन कैसे कर सकते हैं. उन्होंने कभी भी पार्टी का नेतृत्व नहीं किया है. राज्य विधानसभा का 2013 का चुनाव नेफियू रियो के नेतृत्व में लड़ा गया था. रियो तीन बार राज्य के मुख्यमंत्री रहे हैं और नागालैंड संसदीय सीट से 16 लोकसभा के सदस्य हैं.’

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सूत्रों ने यह भी बताया कि एनपीएफ तथा भाजपा के बीच दो दशक पुराना गठबंधन टूटने का फायदा हाल में गठित नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (एनडीपीपी) को मिल सकता है. इस दल के नेता कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रहे चिंगवांग कोंनयाक हैं. नगालैंड में भाजपा का परचम लहराने के सपने देख रही भाजपा के लिए यह किसी दु:स्वप्न से कम नहीं है. इतना ही नहीं, कांग्रेस मुक्त भारत का सपना देख रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के लिए भी यह एक बड़ा सदमा है.

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