आतंकवाद को वित्तपोषण, हाफिज सईद, सलाहुद्दीन समेत 12 के खिलाफ आरोप पत्र दायर
नयी दिल्ली : राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने कश्मीर घाटी में आतंकवाद के कथित वित्तपोषण और अलगाववादी गतिविधियों के मामले में आतंकवादी मास्टरमाइंड हाफिज सईद और सैयद सलाहुद्दीन तथा दस कश्मीरी अलगाववादियों के खिलाफ गुरुवारको दिल्ली की एक अदालत में आरोपपत्र दायर किया. एनआईए ने अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश तरुण सहरावत की अदालत में आरोपपत्र दायर किया. […]
नयी दिल्ली : राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने कश्मीर घाटी में आतंकवाद के कथित वित्तपोषण और अलगाववादी गतिविधियों के मामले में आतंकवादी मास्टरमाइंड हाफिज सईद और सैयद सलाहुद्दीन तथा दस कश्मीरी अलगाववादियों के खिलाफ गुरुवारको दिल्ली की एक अदालत में आरोपपत्र दायर किया. एनआईए ने अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश तरुण सहरावत की अदालत में आरोपपत्र दायर किया.
अदालत इस पर विचार करेगी. जांच एजेंसी ने कहा कि आतंकी संगठन लश्करे तैयबा के प्रमुख हाफिज सईद, हिज्बुल मुजाहिदीन के प्रमुख सैदय सलाहुद्दीन समेत12 लोगों के खिलाफ जम्मू कश्मीर में आतंकवादी एवं अलगाववादी गतिविधियां चलाकर सरकार के खिलाफ युद्ध चलाने की साजिश को लेकर आरोपपत्र दायर किया गया है. उन पर भादसं और अवैध गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम की विभिन्न संबंधित धाराएं लगायी गयी हैं.
आरोपपत्र में लश्कर प्रमुख सईद और हिज्बुल प्रमुख सलाहुद्दीन के अलावा दस अन्य लोग हुर्रियत नेता सैयद अली शाह गिलानी के दामाद अल्ताफ अहमद शाह, गिलानी के निजी सहायक बशीर अहमद भट, ऑल पार्टीज हुर्रियत कांफ्रेंस के मीडिया सलाहकार एवं रणनीतिकार अफताब अहमद शाह, अलगाववादी संगठन नेशनल फ्रांट के अध्यक्ष नईम फारूक खान, जम्मू कश्मीर लिबरेश फ्रंट (आर) के अध्यक्ष फारुक अहमद डार, ऑल पार्टीज हुर्रियत कांफ्रेंस (गिलानी गुट) के मीडिया सलाहकार मोहम्मद अकबर खांडेय, तहरीक-ए-हुर्रियत के पदाधिकारी राजा मेहराजुद्दीन कलवाल, हवाला कारोबारी जहूर अहमद शाह और पथराव करनेवाले कामरान युसूफ और जावेद अहमद भट हैं.
एनआईए के अनुसार 30 मई, 2017 को मामला दर्ज किया गया था और 24 जुलाई, 2017 को अंतिम गिरफ्तारियां हुई थीं. उसने कहा कि छापे के दौरान विभिन्न स्थानों से उसे प्राप्त दस्तावेजों और डिजिटल उपकरणों को खंगालने से यह सामने आया कि आरोपी हुर्रियत नेता, आतंकवादी और पथराव करनेवाले लोग एक सुनियोजित साजिशत के तहत जम्मू कश्मीर में आतंकवादी हमला कर रहे थे और हिंसा भड़का रहे थे.
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने अदालत के समक्ष 1,279 पृष्ठीय आरोप पत्र दायर किया और अपनी जांच जारी रखने की अनुमति मांगी. इस मामले में गिरफ्तार किये गये 10 लोगों की न्यायिक हिरासत गुरुवारको समाप्त हो रही है. अभियोजन एजेंसी को आतंकवाद विरोधी कानून- अवैध गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत छह महीने के भीतर आरोप पत्र दायर करना होता है और ऐसा नहीं होने पर आरोपी जमानत का पात्र हो जाता है. एनआईए के अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने जांच के दौरान अहम सामग्री और तकनीकी सबूत एकत्र किये. उन्होंने कहा कि 60 स्थानों पर छापे मारे गये और 950 दस्तावेज जब्त किये गये. मामले में 300 गवाह हैं.