बवाना ”आग” पर केजरीवाल के वीडियो ट्वीट पर बवाल, मेयर ने बताया फर्जी

नयी दिल्ली : बवाना में पटाखा रखने की एक इकाई में आग लगने की घटना पर एक वीडियो सामने आने के बाद इस पर राजनीति तेज हो गयी है. वीडियो में उत्तर दिल्ली नगर निगम की मेयर प्रीति अग्रवाल अपने एक सहयोगी से कहते सुनी जा सकती हैं कि वह लाइसेंस देने के पहलू पर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 21, 2018 8:48 PM

नयी दिल्ली : बवाना में पटाखा रखने की एक इकाई में आग लगने की घटना पर एक वीडियो सामने आने के बाद इस पर राजनीति तेज हो गयी है. वीडियो में उत्तर दिल्ली नगर निगम की मेयर प्रीति अग्रवाल अपने एक सहयोगी से कहते सुनी जा सकती हैं कि वह लाइसेंस देने के पहलू पर कुछ नहीं कह सकती क्योंकि यह नगर निगम के अधिकार क्षेत्र में आता है.

अग्रवाल ने वीडियो को ‘फर्जी’ बताकर खारिज कर दिया, वहीं मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी इस वीडियो को रीट्वीट किया. अग्रवाल ने ट्वीट किया, ‘अरविंद केजरीवाल ने वीडियो को रीट्वीट करके गंदी राजनीति की है और उन्हें इसके लिए माफी मांगनी चाहिए.’ जल्द ही भाजपा सांसद और दिल्ली इकाई के अध्यक्ष मनोज तिवारी ने भी ट्वीट करके लिखा कि वीडियो फर्जी है.

उन्होंने लिखा, ‘इससे ज्यादा बेतुकी बात क्या हो सकती है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने फर्जी वीडियो ट्वीट किया है. इस फैक्ट्री के लिए लाइसेंस दिल्ली सरकार और उसके उद्योग विभाग द्वारा दिया जा रहा था.’ दिल्ली भाजपा ने भी मेयर के तथाकथित वीडियो पर बयान जारी किया और कहा, ‘हम केजरीवाल और उनकी पार्टी को चुनौती देते हैं कि वीडियो को सुनें और बताएं कि उन्होंने क्या गलत कहा है? उन्होंने कहा है कि लाइसेंस एमसीडी के अधिकार क्षेत्र में आता है और हम इस पर देखने के बाद बोलेंगे. इसमें क्या गलत है?’
आप की दिल्ली इकाई के मुख्य प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि निर्माण कार्यों की अनुमति देने के लिए एमसीडी जिम्मेदार है जिसे भाजपा चला रही है. उन्होंने कहा, ‘साफ सुना जा सकता है कि वह अपने सहयोगी के कानों में फुसफुसा रही हैं कि हम इस पर नहीं बोलेंगे क्योंकि हमने इस फैक्ट्री को लाइसेंस दिया है.’
भाजपा के बयान के अनुसार लाइसेंस एमसीडी जारी करती है लेकिन दिल्ली सरकार के अधीन आने वाले दमकल विभाग और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को सुनिश्चित करना होता है कि उनका दुरुपयोग नहीं हो. इसमें आरोप लगाया गया है कि केजरीवाल पीड़ितों को तत्काल राहत देने में अपनी सरकार की नाकामी को छिपाने के लिए वीडियो को मुद्दा बनाने की कोशिश कर रहे हैं.

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