दावोस के लिए रवाना हुए PM नरेंद्र मोदी, दुनिया को दिखायेंगे भारत का दम

नयी दिल्ली : विश्‍व आर्थिक मंच के शिखर सम्‍मेलन में हिस्‍सा लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दावोस (स्विट्जरलैंड) के लिए रवाना हो चुके हैं. मोदी ने रविवार को कहा कि वह दावोस (स्विट्जरलैंड) में अपने कार्यक्रमों के दौरान अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ भारत के भविष्य संबंधों पर अपना नजरिया रखेंगे. मोदी यह भी चाहते […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 22, 2018 9:26 AM

नयी दिल्ली : विश्‍व आर्थिक मंच के शिखर सम्‍मेलन में हिस्‍सा लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दावोस (स्विट्जरलैंड) के लिए रवाना हो चुके हैं. मोदी ने रविवार को कहा कि वह दावोस (स्विट्जरलैंड) में अपने कार्यक्रमों के दौरान अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ भारत के भविष्य संबंधों पर अपना नजरिया रखेंगे.

मोदी यह भी चाहते हैं कि दुनिया के नेता मौजूदा वैश्विक प्रणालीयों के समक्ष वर्तमान तथा नयी उभर रही चुनौतियों पर ‘गंभीरता से ध्यान दें.’ मोदी दावोस में इस बार विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) की शिखर बैठक के पहले पूर्ण अधिवेशन को संबोधित करने वाले है.

मोदी ने दावोस यात्रा से एक दिन पहले कहा कि भारत का अन्य देशों के साथ संबंधों का हालिया वर्षों में विस्तार हुआ है. बाहरी दुनिया के साथ देश के संबंध ‘वास्तवित रूप से बहुआयामी हुए हैं, जिनमें राजनीतिक, आर्थिक, सामान्य जन के स्तर पर, और सुरक्षा तथा अन्य आयाम शामिल हैं.’ #IndiaMeansBusiness के साथ किये गये एक के बाद एक कई ट्वीट में मोदी ने कहा, ‘दावोस में मैं अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ भारत के भविष्य के संबंधों के बारे में अपनी राय रखूंगा.’

उन्होंने कहा कि उन्हें वहां स्विट्जरलैंड के राष्ट्रपति एलेन बेरसेट तथा स्वीडन के प्रधानमंत्री स्टीफन लोफवेन के साथ द्विपक्षीय बैठक का इंतजार है. मोदी ने कहा, ‘मुझे यकीन है कि द्विपक्षीय मुलाकातें फलदायी होंगी और इन देशों के साथ हमारे संबंध तथा आर्थिक सहयोग मजबूत होगा.’

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘समकालीन अंतरराष्ट्रीय प्रणाली और वैश्विक सरकारी ढांचे के समक्ष मौजूदा तथा उभर रही चुनौतियों पर नेताओं, सरकारों, नीति निर्माताओं, कॉरपोरेट तथा सामाजिक संगठनों द्वारा गंभीरता से ध्यान देने की जरूरत है.’

उन्होंने सम्मेलन के मुख्य मंत्र ‘क्रिएटिंग अ शेयर्ड फ्यूचर इन अ फ्रैक्चर्ड वर्ल्ड’ (बटी हुए संसार के साझे भविष्य का सृजन) को विचारपूर्ण और उचित बताते हुए कहा, ‘मुझे भारत के अच्छे दोस्त तथा मंच के संस्थापक प्रोफेसर क्लाउस श्वाब के निमंत्रण पर दावोस में विश्व आर्थिक मंच की बैठक में भाग लेने का इंतजार है.’

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