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संगीन के साये में ‘पद्मावत”, ओवैसी ने कहा – मोदी का 56 इंच का सीना केवल मुस्लिमों के लिए

मुंबई : बहुप्रतीक्षित फिल्म ‘पद्मावत’ आखिरकार गुरुवार को रिलीज हो गयी है. फिल्‍म रिलीज होने के बाद भी इसका विरोध जारी है. हालांकि, सिनेमाघरों में सुरक्षा के इंतजाम किये गये हैं. सुरक्षाकर्मी सिनेमाघर के आसपास दर्शकों को सुरक्षा देते नजर आये. विरोध-प्रदर्शन को लेकर बयानबाजी का दौर भी जारी है. जहां फिल्म पद्मावत को लेकर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 25, 2018 2:12 PM

मुंबई : बहुप्रतीक्षित फिल्म ‘पद्मावत’ आखिरकार गुरुवार को रिलीज हो गयी है. फिल्‍म रिलीज होने के बाद भी इसका विरोध जारी है. हालांकि, सिनेमाघरों में सुरक्षा के इंतजाम किये गये हैं. सुरक्षाकर्मी सिनेमाघर के आसपास दर्शकों को सुरक्षा देते नजर आये.

विरोध-प्रदर्शन को लेकर बयानबाजी का दौर भी जारी है. जहां फिल्म पद्मावत को लेकर हो रहे विरोध पर AIMIM नेता असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि यह और कुछ नहीं बल्कि भाजपा के द्वारा की जा रही ‘पकोड़ा’ राजनीति है. प्रधानमंत्री और उनकी पार्टी ने इन विरोध करने वाले लोगों के सामने सरेंडर कर दिया है. मोदी का 56 इंच का सीना केवल मुसलमानों के लिए है. वहीं दिल्ली के मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि ‘मैं पूरी रात सो नहीं पाया’. उन्होंने कहा कि गुड़गांव में बच्चों की बस पर पत्थर चलाने की घटना की मैं निंदा करता हूं. मैं पूरी रात सो नहीं पाया. ये हमारे लिए डूब मरने की बात है.

इधर, भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि यह पुराने घावों को कुरेदने का काम करता है. इसलिए ऐसी फिल्में नहीं बनना चाहिए. इसकी ऐतिहासिक वेल्यू क्या है? जीरो. वे कहते हैं कि इसका इतिहास से कोई लेना देना नहीं है. तो फिर आपने क्यों इसे बनायी? इसके अलावा, राहुल गांधी इस पर अपना स्टैंड क्लीकर क्यों नहीं करते?

आपको बता दें कि ‘पद्मावत’ फिल्म में शाहिद कपूर और रणवीर सिंह भी मुख्य भूमिकाओं में हैं. पिछले साल राजस्थान में फिल्म की शूटिंग के दौरान करणी सेना वालों के हंगामे के साथ ही फिल्म विवादों में घिर गयी थी. पहले यह फिल्म एक दिसंबर को सिनेमा घरों में प्रदर्शित होने वाली थी. हालांकि, सेंसर बोर्ड से मंजूरी नहीं मिलने के कारण वॉयकॉम 18 और भंसाली प्रोडक्शन के निर्माताओं ने रिलीज की तारीख आगे बढ़ा दी.

सेंसर बोर्ड ने फिल्म का नाम ‘पद्मावती’ से बदल कर ‘पद्मावत’ करने सहित फिल्म में कुल पांच बदलाव करने का सुझाव दिया था. यह फिल्म 16 वीं शताब्दी के कवि मलिक मुहम्मद जायसी के महाकाव्य ‘पद्मावत’ पर आधारित है.

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