जानें, उन योजनाओं को जिनकी मदद से महिलाएं होंगी सशक्त

भारत का संविधान लागू हुए 68 साल पूरे हो गये हैं. इस दौरान हमारे देश ने हर मोर्चे पर तरक्की की है, लेकिन आज भी कई ऐसे क्षेत्र हैं जहां बहुत कुछ किया जाना है और ऐसा ही एक क्षेत्र है महिलाओं का सशक्तीकरण. हमारे देश में महिलाओं की कुल आबादी 586,469,174 है जो कुल […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 25, 2018 5:53 PM

भारत का संविधान लागू हुए 68 साल पूरे हो गये हैं. इस दौरान हमारे देश ने हर मोर्चे पर तरक्की की है, लेकिन आज भी कई ऐसे क्षेत्र हैं जहां बहुत कुछ किया जाना है और ऐसा ही एक क्षेत्र है महिलाओं का सशक्तीकरण. हमारे देश में महिलाओं की कुल आबादी 586,469,174 है जो कुल आबादी का लगभग 49 प्रतिशत है.

सरकार ने महिला सशक्तीकरण की राष्ट्रीय नीति 20 मार्च, 2001 को लागू की, जिसका उद्देश्य महिलाओं की प्रगति,विकास और सशक्तीकरण है. इस नीति का उद्देश्य महिलाओं के साथ हर तरह का भेदभाव समाप्त कर यह सुनिश्चित करना है कि वे जीवन के हर क्षेत्र और गतिविधि में खुलकर भागीदारी करें. इस नीति के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए एक राष्ट्रीय कार्ययोजना तैयार की गयी. महिला एवं बाल विकास मंत्रालय इन कार्ययोजनाओं को लागू करता है, कुछ प्रमुख योजनाएं इस प्रकार हैं-
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ स्कीम:- बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना की शुरुआत बालिकाओं को संरक्षण प्रदान करने और उन्हें सशक्त करने के लिए 22 जनवरी 2015 को की गयी. इस योजना की शुरुआत निम्न लिंगानुपात वाले 100 जिलों में की गयी थी.
वन स्टॉप सेंटर स्कीम : इस स्कीम की शुरुआत हिंसा का शिकार हुई महिलाओं को शरण उपलब्ध कराने, उनके इलाज और उन्हें सहायता प्रदान करने के लिए किया गया है. सरकार ने दिल्ली गैंगरेप के बाद वर्ष 2013-14 के बजट में ‘निर्भया फंड’ की स्थापना की, जिसमें Rs. 1000 करोड़ का प्रावधान किया गया है.
`स्वधार गृह` स्कीम : इस योजना की शुरुआत वर्ष 2001 में की गयी थी और इसका उद्देश्य कठिक परिस्थितियों में रह रहीं महिलाओं को सहायता प्रदान करना है. वैसी महिलाएं जो शोषण का शिकार हों, प्राकृतिक आपदा से पीड़ित हों, उन्हें कुछ समय के लिए ‘सेल्टर’ उपलब्ध कराना इस योजना का लक्ष्य है.
उज्जवला स्कीम : ह्यूमन ट्रैफिकिंग की शिकार महिलाओं के बचाव और उनके पुनर्वास के लिए यह एक व्यापक योजना है. इस स्कीम के तहत सरकार ने महिला सशक्तीकरण की कई अन्य योजनाओं को भी मंजूरी दी है.
नारी शक्ति पुरस्कार : महिला सशक्तीकरण के लिए काम करने वाली महिलाओं, संस्थाओं और संगठनों को पुरस्कृत करने के लिए सरकार ने वर्ष 2016 में इस पुरस्कार की शुरुआत की थी. यह पुरस्कार महिला दिवस के दिन दिया जाता है.

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