राहुल के बाद अब खड़गे विवाद, गणतंत्र दिवस के अवसर पर राष्ट्रपति के ”एट होम” में नहीं मिला निमंत्रण
नयी दिल्ली : कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को शुक्रवार को गणतंत्र दिवस परेड समारोह में छठी पंक्ति में बैठाने को लेकर छिड़े विवाद के बीच राष्ट्रपति भवन में आयोजित होनेवाले पारंपरिक एट होम में लोकसभा में पार्टी के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे को आमंत्रण नहीं भेजा गया है. खड़गे के एक सहायक ने इसकी पुष्टि की […]
नयी दिल्ली : कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को शुक्रवार को गणतंत्र दिवस परेड समारोह में छठी पंक्ति में बैठाने को लेकर छिड़े विवाद के बीच राष्ट्रपति भवन में आयोजित होनेवाले पारंपरिक एट होम में लोकसभा में पार्टी के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे को आमंत्रण नहीं भेजा गया है. खड़गे के एक सहायक ने इसकी पुष्टि की है.
राष्ट्रपति भवन में गणतंत्र दिवस की परेड के बाद शाम को एट होम का आयोजन किया जाता है. इसमें उप राष्ट्रपति, लोकसभा अध्यक्ष, पूर्व राष्ट्रपति, पूर्व प्रधानमंत्री, सरकार के मंत्री, प्रमुख संवैधानिक पदों पर आसीन गणमान्य लोगों एवं विशिष्ट व्यक्तियों को आमंत्रित किया जाता है. खड़गे के एक सहायक ने बताया कि 69वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर राष्ट्रपति भवन में होनेवाले एट होम में खड़गे को आमंत्रित करने के लिए अभी तक कोई सूचना नहीं मिली है. सूत्रों ने यह भी बताया कि 2014 से ही उन्हें इसके लिए आमंत्रित नहीं किया जा रहा है. उल्लेखनीय है कि लोकसभा में कांग्रेस के विपक्ष का सबसे बड़ा दल होने के बावजूद उसके पास निश्चित संख्या बल नहीं होने के कारण उसके नेता को नेता प्रतिपक्ष का दर्जा नहीं दिया गया है.
गणतंत्र दिवस परेड के समारोह में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को छठी पंक्ति में बिठाया गया जिस पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए पार्टी ने आरोप लगाया कि इससे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार की ‘ओछी राजनीति जगजाहिर’ हो गयी है. समारोह के दौरान राहुल छठी पंक्ति में बैठे थे और वह कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद से बातचीत करते नजर आये. राहुल को गणतंत्र दिवस पर अग्रिम पंक्ति में नहीं बिठाये जाने पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि गणतंत्र दिवस के राष्ट्रीय पर्व पर अहंकारी शासकों ने सारी परम्पराओं को दरकिनार कर दिया. उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘मोदी सरकार की ओछी राजनीति जग जाहिर.’