जानें, आत्मघाती हमलावर होने के संदेह में कश्मीर से गिरफ्तार सादिया का आगे क्या होगा
श्रीनगर : आतंक की तरफ कथित रूझान रखने वाली पुणे की एक लड़की को जम्मू-कश्मीर पुलिस ने गुरुवार रात पकड़ लिया. ऐसी खुफिया सूचना मिली थी कि वह प्रतिबंधित संगठन आईएसआईएस में शामिल होना चाहती है. पुलिस ने यह जानकारी दी है. पिछले साल नवंबर में 18 बरस की हुई सादिया अनवर शेख पुणे से […]
श्रीनगर : आतंक की तरफ कथित रूझान रखने वाली पुणे की एक लड़की को जम्मू-कश्मीर पुलिस ने गुरुवार रात पकड़ लिया. ऐसी खुफिया सूचना मिली थी कि वह प्रतिबंधित संगठन आईएसआईएस में शामिल होना चाहती है. पुलिस ने यह जानकारी दी है.
पिछले साल नवंबर में 18 बरस की हुई सादिया अनवर शेख पुणे से कश्मीर पहुंची थी और बिजबेहरा में एक पेईंग गेस्ट के तौर पर रह रही थी. उसका इरादा आईएसआईएस में शामिल होने का था. पुलिस ने यह दावा किया. अधिकारियों ने बताया कि लड़की से गहन पूछताछ के दौरान उसका आतंक की तरफ रूझान होने का पता चला, लेकिन उसके पीछे सुरक्षा बलों के हाथों कश्मीर के लोगों को कथित रूप से परेशान किये जाने से जुड़ा सोशल मीडिया का दुष्प्रचार जिम्मेदार था.
उन्होंने बताया कि पुलिस ने लड़की के परिवार वालों से संपर्क किया है और उसे उनके हवाले कर दिया जाएगा क्योंकि उसके खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं है. दरअसल यह जम्मू-कश्मीर पुलिस द्वारा एक खुफिया सूचना को गलत ढंग से समझने का मामला लगता है. केन्द्रीय सुरक्षा एजेंसियों ने उन्हें सूचना दी थी कि पुणे की एक लड़की, जिसे कई मौकों पर एटीएस पुणे ने हिरासत में लिया है, अपना ठिकाना बदलकर घाटी में आ गयी है और उसकी निगरानी किये जाने की जरूरत है.
हालांकि अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक मुनीर खान जो कश्मीर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक के तौर पर काम कर रहे हैं, ने लड़की का नाम बताते हुए सभी जिलों को चौकन्ना कर दिया और दावा किया कि वह एक आत्मघाती हमलावर है और गणतंत्र दिवस समारोहों में बाधा डालने की योजना बना रही है. 23 जनवरी को जारी खान के हस्ताक्षर वाले एक नोट में कहा गया कि इस बात की पक्की खबर है कि 18 वर्ष की एक गैर कश्मीरी लड़की कश्मीर में गणतंत्र दिवस समारोह या उसके आसपास आत्मघाती बम विस्फोट कर सकती है. इसे देखते हुए जांच और चौकसी बढ़ाने के आदेश भी दिये गये.
खान ने अपने इस नोट की गंभीरता को देखते हुए शुक्रवार को कोई ब्यौरा देने से इनकार करते हुए कहा, ‘‘हम उससे बात कर रहे हैं और अपनी संबद्ध एजेंसियों के भी संपर्क में हैं. तथ्यों का पता लगाने के लिए तमाम सूचनाओं पर विचार किया जा रहा है.” एटीएस ने दावा किया था कि लड़की सीरिया जाने की योजना बना रही है, लेकिन बाद में 11वीं कक्षा में पढ़ने वाली इस लड़की को एटीएस ने ही आतंक से छुटकारा दिलाने वाले कार्यक्रम में भर्ती कराया था.