साल 2018 का पहला चंद्रग्रहण 31 जनवरी को, होगा SuperMoon का दीदार
नयी दिल्ली : साल 2018 में दो बार चंद्रग्रहण लगेगा. खगोलशास्त्रियों के अनुसार पहला चंद्रग्रहण 31 जनवरी को लगेगा, जबकि दूसरा चंद्रग्रहण 27-28 जुलाई को लगेगा. दोनों की चंद्रग्रहण भारत सहित कई देशों में देखे जा सकेंगे. इस बार यह संयोग है कि 31 जनवरी को लगने वाले चंद्रग्रहण के समय सुपरमून दिखायी देगा. सुपरमून […]
नयी दिल्ली : साल 2018 में दो बार चंद्रग्रहण लगेगा. खगोलशास्त्रियों के अनुसार पहला चंद्रग्रहण 31 जनवरी को लगेगा, जबकि दूसरा चंद्रग्रहण 27-28 जुलाई को लगेगा. दोनों की चंद्रग्रहण भारत सहित कई देशों में देखे जा सकेंगे. इस बार यह संयोग है कि 31 जनवरी को लगने वाले चंद्रग्रहण के समय सुपरमून दिखायी देगा.
सुपरमून की स्थिति में चंद्रमा अपने सामान्य आकार से बड़ा और ज्यादा चमकीला दिखाई देता है. 31 जनवरी को लगने वाला चंद्रग्रहण खग्रास चंद्रग्रहण होगा. जिसका सूतक काल सायं 04.21 बजे से रात्रि 09.38 पर होगा. इसका मध्यकाल सायं 06.59 पर होगा. भारत में यह ग्रहण सायं 06.21 से 09.38 तक देखा जा सकेगा.
ज्योतिष के अनुसार, यह ग्रहण कर्क राशि और आश्लेषा नक्षत्र में होगा. यह ग्रहण भारत वर्ष में दृश्य होगा इसलिए धार्मिक सूतक मान्य होगा.
क्या है सुपरमून
जैसा कि आप जानते हैं कि चंद्रमा, पृथ्वी की परिक्रमा करती है. इसके परिक्रमा करने का पथ अंडाकार है. जिसकी वजह से चंद्रमा एक समय पृथ्वी के काफी नजदीक आ जाता है. ऐसे में कोई ऐसी पूर्णिमा, जिसमें चंद्रमा और पृथ्वी की दूरी काफी कम होती है. चंद्रमा ज्यादा बड़ा और चमकीला दिखायी देता है. इस स्थिति को ही सुपरमून कहते हैं.
इस समय चंद्रमा पृथ्वी के सबसे करीब होता है तो सामान्य से 14-30 फीसदी ज्यादा चमकदार होता है. चंद्रमा जब पृथ्वी के सबसे करीब होता है, दोनों के बीच की दूरी करीब 3,56,508 किलोमीटर होती है.
कैसे लगता है चंद्रग्रहण
हमारी पृथ्वी, सूर्य के चारो ओर परिक्रमा करती है, जबकि चंद्रमा पृथ्वी के चारों ओर घूमता रहता है. सूर्य से जो प्रकाश निकलता है वह पृथ्वी और चंद्रमा दोनों को प्रकाशमान करता है. चंद्रमा सूर्य के प्रकाश से ही चमकता है. ऐसे में एक स्थिति बनती है जब चंद्रमा और सूर्य के बीच पृथ्वी आ जाती है. ऐसे में चंद्रमा के ऊपर पृथ्वी की परछाईं दिखायी पड़ने लगती है. इस स्थिति को ही चंद्रग्रहण करते हैं.
क्या कहते हैं ज्योतिष
ज्योतिषीय दृष्टिकोण से ग्रहण के समय चंद्रमा का लाल रंग का दिखाई देना धरती पर क्षत्रियों (आधुनिक परिपेक्ष में सेना) को कष्ट देता है तथा धरती पर हिंसक घटनाओं व अग्नि-कांड के कारण जान-माल की हानि का सूचक होता है.
जल तत्व की राशि कर्क में पड़ने वाले ग्रहण के कारण असामान्य रूप से वर्षा होगी तथा हिंद महासागर में चक्रवात या बड़े समुद्री तूफान की भी आशंका रहेगी. ग्रहण के समय चंद्रमा पर पड़ रही शुभ ग्रहों शुक्र और बुध की दृष्टि के कारण शेयर बाजार, सर्राफा (सोने-चांदी), आभूषण और कपड़े का काम करने वालों को लाभ होगा.