वरुण गांधी ने स्पीकर सुमित्रा महाजन को लिखा पत्र, सांसदों का वेतन न बढ़ाने की मांग
नयी दिल्ली : उत्तरप्रदेेश के पीलीभीत से लोकसभा सांसद व भाजपा नेता वरुण गांधी ने लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजनको एक पत्रलिख कर मांग की है कि सांसदों का वेतन नहीं बढ़ाया जाये. तीन पन्नों के पत्र में उन्होंने लिखा है कि ज्यादातर सांसद करोड़पति हैं,इसलिए उन्हें तनख्वाह नहीं लेना चाहिए.राजकोषीय स्थितिका हवाला देते हुएवरुण गांधी […]
नयी दिल्ली : उत्तरप्रदेेश के पीलीभीत से लोकसभा सांसद व भाजपा नेता वरुण गांधी ने लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजनको एक पत्रलिख कर मांग की है कि सांसदों का वेतन नहीं बढ़ाया जाये. तीन पन्नों के पत्र में उन्होंने लिखा है कि ज्यादातर सांसद करोड़पति हैं,इसलिए उन्हें तनख्वाह नहीं लेना चाहिए.राजकोषीय स्थितिका हवाला देते हुएवरुण गांधी ने कहा है कि 16वींलोकसभाके सांसद अब अपने बचेकार्यकाल के लिए वेतन नहीं लें.
वरुण गांधी ने पत्र में इस संबंध मेंसांसदों से स्पीकर सुमित्रा महाजन से अपील करने की मांग की है. वरुण गांधी ने पत्र में लिखा है कि प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की कैबिनेट ने 1949 में देश के आर्थिक हालात के मद्देनजर यह निर्णय लिया था कि वे तीन महीने तक वेतन नहीं लेंगे. वरुण गांधी ने तमिलनाडु व तेलंगाना में विधायकों की वेतन वृद्धि का विरोध किया है और लिखा है कि देश में आर्थिक असमानता तेजी से बढ़ रही है. भारत में एक प्रतिशत लोग कुल 60 प्रतिशत संपत्ति के मालिक हैं. उन्होंने लिखा है कि देश के 84 अरबपति कुल 70 प्रतिशत संपत्ति के मालिक हैं.
उन्होंने लिखा है कि 16वीं लोकसभा के 440 सांसद करोड़पति हैं, जिनकी औसत संपत्ति 14.61 करोड़ रुपये है. वरुण गांधी ने पत्र में लिखा है कि पिछले एक दशक में सांसदों का वेतन 400 प्रतिशत बढ़ा है. वरुण के अनुसार, इतनी वृद्धि मुनाफा कमाने वाले निजी कंपनी में भी नहीं हो सकती है. वर्तमान में प्रति सांसद पर प्रति महीने 2.7 लाख रुपये खर्च होता है. वर्ष 2016 में सिर्फ लोकसभा के 543 सांसदों पर 176 करोड़ रुपये खर्च किये गये.
वरुण गांधी ने अपने पत्र में सांसदों के वेतन वृद्धि के संबंध में एक स्वतंत्र वैधानिक संस्था स्थापित करने की वकालत की है.