संसद में राष्‍ट्रपति ने कहा, लोकसभा-विधानसभा चुनाव एक साथ कराने पर सहमत हों राजनीतिक दल

नयी दिल्ली : राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सोमवार को राज्य विधानसभाओं के और लोकसभा के चुनाव एक साथ कराने की वकालत करते हुए कहा कि इस विषय पर चर्चा और संवाद बढ़ना चाहिए तथा सभी राजनीतिक दलों के बीच सहमति बनायी जानी चाहिए. संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 29, 2018 3:21 PM

नयी दिल्ली : राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सोमवार को राज्य विधानसभाओं के और लोकसभा के चुनाव एक साथ कराने की वकालत करते हुए कहा कि इस विषय पर चर्चा और संवाद बढ़ना चाहिए तथा सभी राजनीतिक दलों के बीच सहमति बनायी जानी चाहिए. संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि देश में सुशासन के प्रति सजग लोगों में देश के किसी न किसी हिस्से में लगातार हो रहे चुनाव से अर्थव्यवस्था और विकास पर पड़ने वाले विपरीत प्रभाव को लेकर चिंता है.

उन्होंने कहा कि बार-बार चुनाव होने से मानव संसाधन पर बोझ तो बढ़ता ही है, आचार संहिता लागू होने से देश की विकास प्रक्रिया भी बाधित होती है. इसलिए एक साथ चुनाव कराने के विषय पर चर्चा और संवाद बढ़ना चाहिए तथा सभी राजनीतिक दलों के बीच सहमति बनायी जानी चाहिए. बजट सत्र के प्रथम दिन अपने अभिभाषण में राष्ट्रपति ने सभी दलों का आह्वान किया कि राष्ट्र निर्माण एक अनवरत प्रक्रिया है, जिसमें देश के हर व्यक्ति की अपनी-अपनी भूमिका है.

कोविंद ने कहा, ‘हम सभी का कर्त्तव्य है कि देश के सम्मुख अनुकरणीय आचरण प्रस्तुत करें. राष्ट्र निर्माण से जुड़े लक्ष्य समय पर पूरे हों, यह दायित्व हम सभी का है.’ राष्ट्रपति ने कहा कि 2022 में जब हमारा देश स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे होने का पर्व मनायेगा तब तक इन लक्ष्यों की प्राप्ति न सिर्फ स्वतंत्रता सेनानियों और राष्ट्र निर्माताओं के सपने को पूरा करेगी बल्कि नये भारत का आधार भी मजबूत करेगी.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं की मौजूदगी में राष्ट्रपति ने करीब पौने घंटे के अभिभाषण में कहा कि नये भारत का सपना किसी एक राजनीतिक दल या संगठन का नहीं है. यह देश के 130 करोड़ लोगों की आशाओं-आकांक्षाओं को परिलक्षित करता है. उन्होंने कहा, ‘इस सपने को पूरा करने के लिए, हम सभी को मिलकर पूरे समर्पण के साथ काम करना होगा.’

उन्होंने कहा कि आइए, हम सब मिलकर अपने संविधान के समता और बंधुता के आदर्शों को प्राप्त करने के लिए एक साथ चलें, एक दिशा में चलें, एक निष्ठा से चलें, और भव्य भारत के निर्माण के लिए पूरी ऊर्जा के साथ आगे बढ़ें. राष्ट्रपति ने कहा कि मुस्लिम महिलाओं का सम्मान कई दशकों तक राजनीतिक लाभ-हानि का बंधक रहा. अब देश को उन्हें इस स्थिति से मुक्ति दिलाने का अवसर मिला है.

उन्होंने कहा, ‘मेरी सरकार ने तीन तलाक के संबंध में एक विधेयक संसद में प्रस्तुत किया है. मैं आशा करता हूं कि संसद शीघ्र ही इसे कानूनी रूप देगी.’ कोविंद ने कहा कि तीन तलाक पर कानून बनने के बाद मुस्लिम बहन-बेटियां भी आत्मसम्मान के साथ भयमुक्त जीवन जी सकेंगी. राष्ट्रपति ने समाज के प्रत्येक कमजोर एवं वंचित वर्ग का उत्थान एवं सम्मान सुनिश्चित करने को सरकार की प्राथमिकता बताया.

उन्होंने कहा कि समाज के प्रत्येक वर्ग की आकांक्षाओं के प्रति संवेदनशील मेरी सरकार ने ‘राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग’ को संवैधानिक दर्जा देने के लिए संविधान संशोधन विधेयक पेश किया है. उन्होंने कहा कि पिछड़े वर्ग में भी, अति पिछड़ों को उच्च शिक्षा और नियुक्तियों का लाभ सुलभ कराने के लिए पिछड़े वर्ग के उपश्रेणीकरण के अध्ययन हेतु आयोग का गठन किया गया है.

राष्ट्रपति ने देश के आर्थिक एकीकरण के संदर्भ में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि कीमतों के कम होने का लाभ उपभोक्ताओं तक पहुंच सके, इसके लिए मेरी सरकार द्वारा एक राष्ट्रीय प्राधिकार का गठन किया गया है. उन्होंने कहा कि सरकार बैंकिंग व्यवस्था को मजबूत करने और उसमें पारदर्शिता लाने के लिए भी प्रतिबद्ध है. इसके लिए 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक के पूंजी निवेश के साथ सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का री-कैपिटलाइजेशन करने का निर्णय भी किया गया है.

उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ हमारी लड़ाई जारी है. इसी कड़ी में पिछले एक वर्ष में लगभग साढ़े 3 लाख संदिग्ध कंपनियों का रजिस्ट्रेशन रद्द किया जा चुका है. कोविंद ने कहा, ‘हमारे संविधान शिल्पी बाबा साहेब डॉक्टर भीम राव आंबेडकर कहा करते थे कि सामाजिक और आर्थिक लोकतंत्र के बिना राजनीतिक लोकतंत्र स्थायी नहीं हो सकता. कमजोर वर्गों के लिए समर्पित मेरी सरकार, संविधान में निहित इसी मूलभावना पर चलते हुए देश में सामाजिक न्याय तथा आर्थिक लोकतंत्र को सशक्त करने और आम नागरिक के जीवन को आसान बनाने के लिए कार्य कर रही है.’

उन्होंने कहा कि सभी के सिर पर छत हो, और उसे पानी-बिजली-शौचालय की सुविधा मिले, इस संवेदनशील सोच के साथ केंद्र सरकार देश के हर आवासहीन गरीब परिवार को वर्ष 2022 तक घर उपलब्ध कराने के लक्ष्य के साथ काम कर रही है. राष्ट्रपति ने अपने अभिभाषण में गरीब महिलाओं को ‘प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना’ के तहत गैस कनेक्शन देने, ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ योजना और ‘जनधन योजना’ के तहत अब तक लगभग 31 करोड़ गरीबों के बैंक खाते खोले जाने का जिक्र किया.

राष्ट्रपति ने कहा कि किसानों की मुश्किलों का समाधान करना और उनके जीवन स्तर को ऊपर उठाना सरकार की उच्च प्राथमिकता है. उन्होंने कहा कि मेरी सरकार की योजनाएं न केवल किसानों की चिंता कम कर रही हैं बल्कि खेती पर होने वाले उनके खर्च को भी घटा रही हैं. कोविंद ने कहा कि सरकार किसानों की आय को 2022 तक दोगुना करने के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने ‘प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना’, अटल बीमा योजना एवं सरकार की जनहित से जुड़ी अन्य महत्वकांक्षी योजनाओं का जिक्र किया.

राष्ट्रपति ने कहा, ‘एकात्म मानववाद के प्रणेता, दीन दयाल उपाध्याय के दिखाए रास्ते पर चलते हुए, मेरी सरकार देश में ऐसी व्यवस्थाएं विकसित कर रही है जिनसे समाज की आखिरी पंक्ति में खड़े व्यक्ति को भी लाभ हो रहा है.’ कनेक्टिविटी के महत्व को रेखांकित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि भारत नेट परियोजना’ के तहत, देश की ढाई लाख ग्राम पंचायतों को ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी से जोड़ने का कार्य किया जा रहा है.

उन्होंने कहा कि समाज के हर तबके तक विकास पहुंचाने की इसी सोच के साथ सरकार ‘प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना’ का कार्य और तेजी से आगे बढ़ा रही है. अब 82 प्रतिशत से ज्यादा गांव सड़कों से जुड़ चुके हैं. उन्होंने कहा कि ‘तुष्टीकरण नहीं सशक्तीकरण’ के संकल्प के साथ, सरकार अल्पसंख्यकों के आर्थिक, सामाजिक और शैक्षणिक सशक्तीकरण की दिशा में मजबूती से काम कर रही है. उन्होंने कहा कि गरीब और मध्यम वर्ग की एक बड़ी चिंता बीमारियों के इलाज से जुड़ी रहती है.

इलाज के खर्च का आर्थिक आघात, बीमारी के आघात को और भी अधिक कष्टकारी बना देता है. केंद्र सरकार ने गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों को स्वास्थ्य की बेहतर और सस्ती सुविधा के लिए नयी ‘राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति’ बनायी है. राष्ट्रपति ने कहा कि शिक्षा ही राष्ट्र के भविष्य-निर्माण का आधार है. इस लिहाज से सरकार, देश में स्कूली शिक्षा और उच्च शिक्षा व्यवस्था को मजबूत और आधुनिक बनाने के लिए प्रतिबद्ध है.

राष्ट्रपति ने कहा कि देश के विकास के लिए, किसानों, मछुआरों, विद्यार्थियों, वैज्ञानिकों तक सही समय में सही जानकारी पहुंचाने के लिए हमारे अंतरिक्ष कार्यक्रम का बहुत बड़ा योगदान है. उन्होंने कहा कि डिजिटल कनेक्टिविटी के आधुनिक दौर में हमारे देशवासी, हमारी भावी पीढ़ी, डिजिटल प्रौद्योगिकी की ताकत का उपयोग कर सके, इसके लिए उनकी सरकार लगातार प्रयासरत है. कोविंद ने कहा, ‘मेरी सरकार के सफल राजनयिक प्रयासों के कारण, विश्व में भारत को एक नया सम्मान प्राप्त हुआ है.’

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