नयी दिल्ली : केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) इस साल बोर्ड परीक्षाओं में शामिल होनेवाले छात्रों को फरवरी से इंटरनेट, टेलीफोन और अखबारों के जरिये काउंसलिंग की सुविधा मुहैया करायेगी ताकि वे परीक्षा से जुड़े तनाव से निपट सकें. सीबीएसई की 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा के लिए ज्यादा वक्त नहीं बचे रहने के बीच बच्चों की दुविधा और परेशानियों को दूर करने के लिए बोर्ड हेल्पलाइन के जरिये मदद कर रही है. यह एक फरवरी से शुरू होकर 13 अप्रैल तक चलेगी.
सीबीएसई की प्रवक्ता रमा शर्मा ने बताया कि इस साल 91 प्रधानाचार्य, विशेष प्रशिक्षित काउंसलर और मनोवैज्ञानिक टेली-काउंसलिंग में हिस्सा लेंगे, ताकि परीक्षा को लेकर छात्रों की मनोवैज्ञानिक समस्याओं का निदान किया जा सके. उन्होंने बताया कि इनमें से 71 परामर्शक भारत में उपलब्ध होंगे, जबकि शेष 20 नेपाल, सऊदी अरब, ओमान, यूएई, कुवैत, सिंगापुर, कतर और जापान में उपलब्ध होंगे. भारत में 10वीं और 12वीं कक्षा के छात्र परीक्षा से जुड़ी चिंताओं, तनाव या अन्य सवालों के लिए हेल्पलाइन नंबर 1800-11-8004 के जरिये परामर्शदाताओं से संपर्क कर सकते हैं. छात्रों और अभिभावकों के लिए परीक्षा से पहले के परामर्श की प्रक्रिया एक फरवरी से शुरू होगी और यह 13 अप्रैल तक जारी रहेगी औरयह समय सुबह 8 बजे से रात 10 बजे तक रहेगा.
इसके अलावा, सीबीएसई के विशेषज्ञ फरवरी में बड़े राष्ट्रीय अखबारों में ‘सवाल-जवाब’ के जरिये छात्रों के सवालों के जवाब देंगे. निशक्त बच्चों के लिए विशेष परामर्शकों की सेवाएं उपलब्ध होंगी. उन्होंने कहा कि परामर्शक न सिर्फ तनाव को दूर करने में मदद करेंगे, बल्कि वे यह भी बतायेंगे कि बच्चे अपनी परीक्षा की तैयारी किस तरह से करें, विषयों की तैयारी किस तरह करें. इसके अलावा उन्हें अगर परीक्षा को लेकर कोई डर या घबराहट है, तो उन समस्याओं को भी दूर करने में मदद करेंगे.
भारतीय विद्या भवन की प्राचार्य अंजु टंडन ने कहा कि सीबीएसई की ओर से परीक्षा कार्यक्रम जारी किये जाने के बाद लगभग सभी स्कूलों में अतिरिक्त कक्षाएं आयोजित की जा रही हैं.। बच्चों की दुविधाओं को दूर करने के लिए एक घंटे की अतिरिक्त कक्षा आयोजित की जा रही है और यह अतिरिक्त कक्षा रोजाना स्कूल खत्म होने के बाद चला करेगी. मॉडर्न स्कूल बाराखम्हा रोड के प्राचार्य डाॅ विजय दत्ता ने कहा कि बोर्ड परीक्षा के समय छात्रों को पठन-पाठन के साथ मनोवैज्ञानिक समस्याओं का भी सामना करना पड़ता है. ऐसे में बच्चों के लिए तनावमुक्त रहना सबसे जरूरी है. घर में तनावमुक्त माहौल जरूरी है. इसके साथ ही स्कूल में हम बच्चों को शैक्षणिक विषयों से जुड़ी समस्याओं से निपटने में मदद कर रहे हैं.