नयी दिल्ली : मोदी सरकार के आखिरी बजट से मिडिल क्लास और नौकरीपेशा वर्ग ही नहीं, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सहयोगी भी नाराज नजर आ रहे हैं. आरएसएस के सहयोगी संगठन भारतीय मजदूर संघ ने बजट को ‘निराशाजनक’ बताया और शुक्रवार को देशव्यापी प्रदर्शन करने का ऐलान किया है. जानकारों की मानें तो लोकसभा चुनाव जल्द कराये जाने की अटकलों के बीच आरएसएस के सहयोगी संगठन का यूं खुलकर बजट के विरोध में आना, सरकार के लिए संकट पैदा कर सकता है.
भारतीय मजदूर संघ का कहना है कि सरकार ने मजदूरों और नौकरीपेशा वर्ग का बजट में बिल्कुल भी ध्यान नहीं दिया है. न तो इनकम टैक्स स्लैब में कोई बदलाव किया गया और न ही मजदूरों के हित में कोई बड़ी घोषणा की गयी है. इसके अलावा आगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और आशा वर्कर्स के लिए भी सरकार का यह बजट मायूसी लेकर आया है. ऐसे में भारतीय मजदूर संघ ने बजट का निराशाजनक बताते हुए शुक्रवार को देशव्यापी प्रदर्शन की घोषणा की है.
यहां चर्चा कर दें कि भारतीय मजदूर संघ, आरएसएस का सहयोगी संगठन है जो मजदूरों की आवाज बुलंद करने का काम करता है. इसके पहले भी भारतीय मजदूर संघ मोदी सरकार की नीतियों की आलोचना करता नजर आ चुका है. संघ ने नोटबंदी और जीएसटी को लेकर भी कहा था कि इसके चलते छोटे और मध्यम उद्योगों को काफी नुकसान पहुंचा है.
इधर, सरकार के कुछ सहयोगी दल भी बजट से खुश नजर नहीं आ रहे हैं. टीडीपी नेता और केंद्र सरकार में राज्य मंत्री वाईएस चौधरी ने कहा कि केंद्रीय बजट से हमें निराशा हाथ लगी है. राज्य से जुड़े कई जरूरी मुद्दे जैसे रेलने ज़ोन, पोलावरम प्रॉजेक्ट फंडिग, राजधानी अमरावती के लिए फंडिंग और आंध्र प्रदेश के लिए लंबित कई मुद्दों का बजट में ध्यान नहीं दिया गया.