नयी दिल्ली : 2019 में आम चुनाव होने हैं. नरेंद्र मोदी सरकार के इस बजट में मिडिल क्लास को भले मायूसी हुई लेकिन आम चुनाव को निशाना बनाकर मोदी आम लोगों के लिए इस बजट में बहुत कुछ लेकर आ गये. गांव और किसान के लिए इस बजट में बहुत कुछ है. माना जा रहा है कि मोदी सरकार ने उस तबके को खुश करने की कोशिश कि जिसे उनसे सबसे ज्यादा शिकायत थी. जीएसटी और नोटबंदी के बाद सरकार गांव और किसानों के विकास पर जोर देना चाहती थी. इस बजट को उस दिशा में आगे बढ़ने का रोडमैप माना जा रहा है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आम चुनाव के दौरान जब जनसभाओं को संबोधित करेंगे तो उनके पास उपलब्धियां गिनाने के लिए कई चीजें होंगी. बजट की इन घोषणाओं को भी मोदी अच्छे से भुना सकेंगे. बजट की घोषणाओं से संकेत मिल रहे हैं कि यह सिर्फ नये भारत ( न्यू इंडिया) का नहीं चुनाव की तैयारियों को बजट है.
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गुजरात विधानसभा चुनाव में मिली कमजोर जीत और राजस्थान, पश्चिम बंगाल उप चुनाव में आये परिणामों के बाद पार्टी अपनी रणनीति बदलने की योजना बना रही है. चुनाव में मिली हार के बाद राजनीतिक विशलेषक इसे गांव और किसानों की अनदेखी का परिणाम बना रहे हैं. कौशल विकास योजना पर जोर, कृषि योजना के तहत किसानों पर फोकस, स्वास्थ्य बीमा से गांव के गरीबों को साधने की कोशिश मोदी सरकार की नयी रणनीति की ओर संकेत कर रही है.
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योजनाएं जिससे गरीब-किसान होंगे मजबूत
स्वास्थ्य योजना
10 करोड़ परिवार व लगभग 50 करोड़ लोगों को 5 लाख रुपये के बीमा कवर देने का सरकार ने एलान किया है. पहले 30,000 का मिलता था.सरकार ने अब उसे बढ़ाने का एलान किया है.
खाद्यान पर ध्यान
‘ऑपरेशन फ्लड’ की तर्ज पर ‘ऑपरेशन ग्रीन’ का एलान हुआ. टमाटर, आलू और प्याज जैसे सालभर प्रयोग में आने वाले खाद्य वस्तुओं को बर्बादी से बचाने के लिए 500 करोड़ का आवंटन हुआ है. इससे बढ़ते प्याज, टमाटर की कीमत पर लगामा लगाया जा सकता है.
घर का सपना
2022 तक सबके पास अपना घर होगा जेटली ने बजट भाषण में इसका जिक्र किया. इस योजना के लिए केंद्र सरकार राष्ट्रीय आवास बैंक के साथ मिलकर किफायती आवास निधि बनाएगी. प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मौजूदा और अगले वित्त वर्ष में ग्रामीण क्षेत्रों में एक करोड़ से अधिक घरों का निर्माण होगा.
मछुआरे और पशुपालकों पर ध्यान
किसान क्रेडिट कार्ड अब मछुआरों और पशुपालक को भी मिलेगा. इस कार्ड की मदद से उन्हें कर्ज मिलने में आसानी होगी.
उज्ज्वला योजना का विस्तार
उज्ज्वला योजना के तहत 8 करोड़ महिलाओं तक गैस कनेक्शन पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है.
गांवों में बिजली
सौभाग्य योजना के तहत बिजली कनेक्शनों की संख्या कोचार करोड़ परिवारों तक बढ़ाने का लक्ष्य है.
छोटे उद्योग पर ध्यान
मुद्रा योजना के लिएतीन लाख करोड़ रुपए की घोषणा हुई है. लघु और मझोले उद्योगों को बढ़ाने के लिए वित्त मंत्री ने 20 फीसदी अधिक राशि मुद्रा योजना के लिए आवंटित की है. पिछले साल यह रकम 2.44 लाख करोड़ थी.