नयी दिल्ली : भारत ने अपनी पहली स्वदेश में निर्मित हवा से हवा में मार करने वाली अस्त्र मिसाइल का एसयू..30 लडाकू विमान से सफल परीक्षण किया. डीआरडीओ की आज यहां जारी एक विज्ञप्ति में बताया गया है स्वदेश में विकसित दृश्यता से परे रेंज :बीवीआर: हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल अस्त्र का वायुसेना ने पश्चिमी सेक्टर में एक नौसैनिक रेंज से सफल प्रायोगिक परीक्षण किया.
इस परीक्षण के दौरान मिशन के सभी लक्ष्य पूरे हुए. अस्त्र भारत का पहला बीवीआर हवा से हवा में मार करने वाला, स्वदेश में निर्मित और डीआरडीओ द्वारा विकसित प्रक्षेपास्त्र है और इसमें हर मौसम में काम करने वाली शस्त्र प्रणाली है.
इस प्रायोगिक परीक्षण से जुडे वैज्ञानिकों के दल को बधाई देते हुए डीआरडीओ के प्रमुख अविनाश चंदर ने कहा कि मिसाइल का वास्तविक लक्ष्य के लिए जल्द ही परीक्षण किया जाएगा. इसे स्वदेश में निर्मित हल्के लडाकू विमान तेजस में लगाने की योजना है.
डीआरडीओ प्रमुख ने बताया एसयू…30 लडाकू विमान से अस्त्र का सफल परीक्षण प्रक्षेपास्त्र विमान एकीकरण की दिशा में एक बडा कदम है. परीक्षण डीआरडीओ और भारतीय वायु सेना का संयुक्त प्रयास था. और भी परीक्षणों की योजना है. सरकारी कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड ने भारतीय वायुसेना के विशेषज्ञों के साथ मिल कर वायु सेना के एसयू…30एमकेआई विमान को रुपांतरित किया.
डीआरडीओ के प्रवक्ता रवि गुप्ता ने बताया विमान के साथ जोडने और वर्ष 2013 में इसके मूल्यांकन के लिए प्रक्षेपास्त्र का एसयू…30 पर कैप्टिव मोड में परीक्षण किया गया. इसके बाद यह परियोजना परीक्षण एवं मूल्य निर्धारण के अंतिम चरण में पहुंची. वर्ष 2014 के अंत तक उच्चतम रेंज की क्षमता के साथ भिन्न रुप मार्क…द्वितीय के परीक्षण की भी योजना है.