भाजपा सांसद हुकुम सिंह का लंबी बीमारी के बाद निधन
नयी दिल्ली : कैराना से भाजपा सांसद हुकुम सिंह का शनिवार को लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया. वे नोएडा के जेपी अस्पताल में भर्ती थे. 79 साल के हुकुम सिंह यूपी के कैबिनेट मंत्री रह चुके थे. * हुकुम सिंह का प्रोफाइल 5 अप्रैल 1938 को जन्मे हुकुम सिंह राजनीति में कभी आना […]
नयी दिल्ली : कैराना से भाजपा सांसद हुकुम सिंह का शनिवार को लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया. वे नोएडा के जेपी अस्पताल में भर्ती थे. 79 साल के हुकुम सिंह यूपी के कैबिनेट मंत्री रह चुके थे.
* हुकुम सिंह का प्रोफाइल
5 अप्रैल 1938 को जन्मे हुकुम सिंह राजनीति में कभी आना नहीं चाहते थे, लेकिन समय की मांग ने उन्हें राजनीति में उतरने के लिए मजबूर कर दिया. हुकुम सिंह पढ़ाई में अच्छे थे. कैराना से उन्होंने 12वीं की शिक्षा प्राप्त की और उसके बाद आगे की पढ़ाई के लिए इलाहाबाद चले गये. वहां से उन्होंने बीए और एलएलबी की पढ़ाई पूरी की. शादी के बाद उन्होंने वकालत का पेशा अपनाया और प्रैक्टिस शुरू कर दी. हुकुम सिंह वकालत करते हुए जज की परीक्षा भी पास कर ली. लेकिन उन्होंने देश सेवा के चलते जज की नौकरी ज्वाइन नहीं की.
* सेना में अधिकारी थे हुकुम सिंह
भारत और चीन की लड़ाई के दौरान उन्होंने भारतीय सेना ज्वाइन किया. 1963 में हुकुम सिंह सेना में अधिकारी बने. 1965 में उन्होंने अपनी टुकड़ी के साथ पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध भी किया. लेकिन बाद में सीमा पर शांति बहाल होने के बाद उन्होंने सेना की नौकरी छोड़ दी और फिर से वकालत की पेशा शुरू की.
Kairana MP Hukum Singh passes away at Noida's JP Hospital. He had been under treatment at the hospital since a month and was suffering from breathing difficulties. pic.twitter.com/RZRtMTmLX6
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) February 3, 2018
* राजनीति में कैसे आये
हुकुम सिंह सेना की नौकरी छोड़ने के बाद वापस वकालत के पेशे में उतर गये. बहुत जल्द अपने साथियों के बीच वे पोपुलर हो गये. उनके साथी वकीलों ने बार चुनाव लड़ने के लिए उकसाया. उन्होंने चुनाव लड़ा और जीत भी गये. वहीं से उनकी राजनीतिक यात्रा आरंभ हो गयी. लोकप्रियता के कारण उन्हें कई पार्टियों से चुनाव लड़ने का ऑफर भी मिला. उन्होंने 1974 में कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ा और जीत गये. हालांकि उसके बाद उन्होंने अपनी पार्टी बदल ली और वे लोकदल में आ गये और दो बार विधानसभा का चुनाव जीते. नारायण दत्त तिवारी सरकार में कैबिनेट का दर्जा प्राप्त किया.
* हुकुम सिंह लोकलेखा समिति के अध्यक्ष और विधानसभा के उपाध्यक्ष भी रहे
हुकुम सिंह को 1981-82 में लोकलेखा समिति का अध्यक्ष बनाया गया था. 1984 में वे विधानसभा के उपाध्यक्ष रहे. 1995 में हुकुमसिंह ने भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा और चौथी बार विधायक बने. मुजफ्फरनगर दंगा मामले में भी उनपर आरोप लगे. 2014 में मोदी की अगुवाई में लोकसभा का चुनाव उन्होंने भाजपा की टिकट पर कैराना सीट से चुनाव लड़ा और विजयी रहे.