सलमान खुर्शीद ने मोदी की तुलना गब्बर से की

वाराणसी : अमेठी में नरेंद्र मोदी के प्रचार से राहुल गांधी को कोई चुनौती न मिलने का दावा करते हुए केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा कि भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार का कांग्रेस उपाध्यक्ष के संसदीय क्षेत्र पर कोई प्रभाव नहीं होगा.विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा अमेठी में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 5, 2014 10:03 AM

वाराणसी : अमेठी में नरेंद्र मोदी के प्रचार से राहुल गांधी को कोई चुनौती न मिलने का दावा करते हुए केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा कि भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार का कांग्रेस उपाध्यक्ष के संसदीय क्षेत्र पर कोई प्रभाव नहीं होगा.विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा अमेठी में मोदी के प्रचार का कोई असर नहीं होगा. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा मोदी राहुल गांधी के लिए कोई चुनौती नहीं हैं बल्कि भाजपा और मोदी को लगता है कि राहुल उनके लिए चुनौती हैं. मोदी 5 मई को अमेठी में भाजपा प्रत्याशी स्मृति इरानी के लिए प्रचार करने वाले हैं.

महिला जासूसी कांड के बारे में पूछे जाने पर खुर्शीद ने कहा, वे यह क्यों नहीं कहते कि जासूसी बुरी चीज है ? खुर्शीद ने बाद में वाराणसी में लगे मोदी के एक पोस्टर की तुलना गब्बर से की जो मशहूर हिंदी फिल्म शोले का एक नकारात्मक किरदार है.

मंत्री ने कहा कि उन्होंने मोदी का एक पोस्टर देखा जिसमें लिखा था, मोदी आने वाला है. उन्होंने कहा, पोस्टर से ऐसा लग रहा था कि शोले का गब्बर यहां आने वाला है. विदेश मंत्री ने कहा, मोदी ने वाराणसी में कहा कि मां गंगा ने उन्हें यहां बुलाया है पर वह नदी में एक डुबकी तक लगाने नहीं गए. न तो उन्होंने घाटों पर पारंपरिक गंगा आरती में हिस्सा लिया और न ही पूजा-अर्चना की.

विदेश मंत्री ने कहा, मोदी ने गंगा में डुबकी नहीं लगाई क्योंकि उन्हें आशंका थी कि मां गंगा उन्हें उनके उन पापों के लिए क्षमा नहीं करेंगी जो उन्होंने गुजरात में किए हैं. खुर्शीद ने कहा कि मोदी मतों के धु्रवीकरण के लिए वाराणसी से चुनाव लड़ रहे हैं. असम में हिंसा में 32 लोगों की जान जाने के बारे में पूछे गए सवाल पर खुर्शीद ने कहा आरोप प्रत्यारोप के बजाय, सबसे पहले असम में सभी लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करना जरुरी है. हिंसा किसी भी कीमत पर रोकी जानी चाहिए.

आप नेता अरविंद केजरीवाल पर बरसते हुए खुर्शीद ने कहा कि दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री धर्मनिरपेक्ष मतों को विभाजित करने के लिए वाराणसी आए हैं और अगर वह सचमुच मोदी को चुनौती देने वाले थे तो उन्हें वडोदरा से लड़ना चाहिए था. तीसरे मोर्चे के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह केवल एक भ्रम है. यह न तो पहले था और न ही बाद में इसकी गुंजाइश है.

हमीरपुर से आम आदमी पार्टी (आप) की उम्मीदवार कमल कांत बत्रा, जो कारगिल के युद्ध में शहीद हुए विक्रम बत्रा की मां हैं, के बारे में पूछे जाने पर खुर्शीद ने कहा, मैं व्यक्तिगत तौर पर मानता हूं कि यदि इतने बहादुर शहीद की मां ने भाजपा से अपना उम्मीदवार वापस लेने को कहा है, तो उन्हें उनके खिलाफ अपना उम्मीदवार निश्चित तौर पर वापस लेना चाहिए. बहरहाल, यह पूछे जाने पर कि क्या कांग्रेस बत्रा के खिलाफ अपना उम्मीदवार वापस लेगी, इस पर खुर्शीद ने कहा कि यह फैसला तो पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को करना है और वह तो पार्टी के एक छोटे से सिपाही हैं.

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