पेड न्यूज मामला: आयोग को कोड़ा की सदस्यता रद्द करने का है अधिकार
।। विनय तिवारी ।। नयी दिल्ली : 15 वीं लोकसभा के सदस्य रहे मधु कोड़ा को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. पेड न्यूज और तय सीमा से अधिक खर्च करने के मामले में महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने कहा कि खर्च सीमा का गलत ब्योरा देनेवालों की सदस्यता रद्द करने का अधिकार […]
।। विनय तिवारी ।।
नयी दिल्ली : 15 वीं लोकसभा के सदस्य रहे मधु कोड़ा को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. पेड न्यूज और तय सीमा से अधिक खर्च करने के मामले में महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने कहा कि खर्च सीमा का गलत ब्योरा देनेवालों की सदस्यता रद्द करने का अधिकार चुनाव आयोग को है. न्यायमूर्ति एके पटनायक व न्यायमूर्ति एफएमआइ खलीफुल्लाह की खंडपीठ ने कहा : चुनावी एकाउंट के ब्योरे की जांच करने और पेड न्यूज के मामले में लिप्त उम्मीदवारों की सदस्यता खत्म करने का अधिकार चुनाव आयोग को है.
खंडपीठ ने चुनाव आयोग को 45 दिनों के भीतर जांच पूरी कर सही कार्रवाई करने का आदेश दिया है.गौरतलब है कि चुनाव आयोग के अधिकार को महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चह्वान, झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा और उत्तर प्रदेश के विधायक उमलेश यादव चुनौती दी थी. अशोक चह्वान के पेड न्यूज मामले की जांच चुनाव आयोग 2009 से कर रहा था. मधु कोड़ा पर भी 2009 के लोकसभा चुनाव में पेड न्यूज और तय सीमा से 10 गुना अधिक खर्च करने के मामले में आयोग ने 2011 में नोटिस दिया था.
सितंबर 2011 में दिल्ली हाइकोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि तय सीमा से अधिक खर्च करनेवाले उम्मीदवारों की सदस्यता रद्द करने का अधिकार चुनाव आयोग के पास है. चुनाव आयोग की ओर से इस मामले की जांच करने के आदेश को अशोक चह्वान और मधु कोड़ा ने कोर्ट में चुनौती देते हुए कहा था कि आयोग को उम्मीदवारों द्वारा पेश खर्च विवरणों की सच्चाई का पता लगाने का अधिकार नहीं है. ऐसा सिर्फ कोर्ट को ही है. मधु कोड़ा और उत्तर प्रदेश के विधायक की सदस्यता चुनाव आयोग ने अक्तूबर 2011 में रद्द कर दी थी.
अपने फैसले में चुनाव आयोग ने कहा था कि पेड न्यूज पर खर्च करने और खर्च का गलत विवरण देकर उम्मीदवारों ने न सिर्फ कानूनों को तोड़ा है, बल्कि गलत प्रचार कर मतदाताओं को भी धोखा दिया है. चुनाव आयोग के समझ पेश दलील में केंद्र सरकार ने कहा था कि चुनाव आयोग को उम्मीदवारों के चुनावी खर्च के सही या गलत विवरण के आधार पर सदस्यता रद्द करने का अधिकार नहीं है.