जैसे मोदी को चुनाव से डर नहीं लगता, वैसे ही बच्चों को भी परीक्षा से नहीं डरना चाहिए
नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री द्वारा लिखित एक किताब ‘एग्जाम वॉरियर्स’ के लोकार्पण के मौके पर शनिवार को विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि नरेंद्र मोदीजी कहते हैं कि उन्हें चुनावों से डर नहीं लगता, तो बच्चों को भी परीक्षा से नहीं डरना चाहिए. 193 पृष्ठ वाली इस किताब में बिना दबाव के परीक्षा देने […]
नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री द्वारा लिखित एक किताब ‘एग्जाम वॉरियर्स’ के लोकार्पण के मौके पर शनिवार को विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि नरेंद्र मोदीजी कहते हैं कि उन्हें चुनावों से डर नहीं लगता, तो बच्चों को भी परीक्षा से नहीं डरना चाहिए. 193 पृष्ठ वाली इस किताब में बिना दबाव के परीक्षा देने की खातिर विद्यार्थियों की सहायता के लिए योग के कई आसनों के साथ ही 25 मंत्रों का भी उल्लेख किया गया है.
स्वराज ने कहा, ‘‘मोदीजी कहते हैं कि उन्हें चुनाव से डर नहीं हैं, तो आपको (बच्चों) भी परीक्षा से डरना नहीं चाहिए. चिंता मत कीजिए और बिना दबाव के परीक्षा दीजिए. यह इस किताब का मूल मंत्र है.’ केंद्रीय मंत्री स्वराज ने कहा कि राजनेताओं को भी हर पांच साल बाद परीक्षा में बैठना होता है.
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने संयुक्त रूप से पेंगुइन रैंडम हाउस द्वारा प्रकाशित इस किताब का लोकार्पण किया. इस किताब में 25 अध्याय हैं, जिसमें कुछ इस तरह से है – परीक्षाएं उत्सवों की तरह होती हैं….उन्हें मनाइये! परीक्षा आपके वर्तमान तैयारियों की जांच करती है, आपका नहीं। योद्धा बनें, चिंता करनेवाला नहीं. ज्ञान स्थायी होता है- इसे जारी रखिये, स्वयं से प्रतिस्पर्धा कीजिये…इत्यादि.
प्रधानमंत्री ने इस किताब में बच्चों से तकनीक को अपनाने, खेलने-कूदने, यात्रा करने और प्रस्तुति कौशल निखारने पर जोर देने की सलाह दी है. इसके अलावा, उन्होंने अभिभावकों और शिक्षकों के नाम भी अलग-अलग पत्र लिखा है. इस मौके पर जावड़ेकर ने कहा कि प्रधानमंत्री ने एक ऐसे मुद्दे पर किताब लिखा है जो राजनीतिक नहीं है और यह हरेक घर से जुड़ा हुआ मुद्दा है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री शीघ्र ही स्कूलों और कॉलेजों के करोड़ों छात्रों से परीक्षा के मुद्दे पर संवाद स्थापित करेंगे.