चंद्रबाबू नायडू एनडीए से बाहर नहीं होंगे, टीडीपी नेता केंद्र के सामने रखेंगे अपनी मांग

नयी दिल्ली/अमरावती : चंद्रबाबू नायडू के नेतृत्व वाली तेलगुदेशम पार्टी की नाराजगी के बाद भारतीय जनता पार्टी में आज दो स्तरों पर सक्रिय हो गयी. दक्षिण के अपने सबसे बड़े सहयोगी को एनडीए में बनाये रखने के लिए संगठन औरसरकार दोनों ओर से प्रयास शुरू कर दिया गया. इस क्रम में जहां पार्टी की ओर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 4, 2018 12:58 PM

नयी दिल्ली/अमरावती : चंद्रबाबू नायडू के नेतृत्व वाली तेलगुदेशम पार्टी की नाराजगी के बाद भारतीय जनता पार्टी में आज दो स्तरों पर सक्रिय हो गयी. दक्षिण के अपने सबसे बड़े सहयोगी को एनडीए में बनाये रखने के लिए संगठन औरसरकार दोनों ओर से प्रयास शुरू कर दिया गया. इस क्रम में जहां पार्टी की ओर से भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने चंद्रबाबू नायडू को फोन किया, वहीं सरकार की ओर से गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने नायडू से बात की. दोनों नेताओं ने चंद्रबाबू नायडू को आश्वस्त किया कि उनकी मांगों पर उनकी पार्टी व सरकार गंभीरता से विचार करेगी. ऐसे में टीडीपी नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल एक-दो दिन में राजनाथ सिंह व अरुण जेटली से बड़े मंत्रियों से मिल कर अपनी मांगों का पूरा ब्यौरा रख सकती है. इसके बाद टीडीपी की ओर से बयान आया है कि वह एनडीए नहीं छोड़ेगा.

इस बीच यह भी खबर है कि गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने चंद्रबाबू नायडू से फोन पर बात की है और आंध्रप्रदेश पुनर्गठन एक्ट को लेकर उनकी नाराजगी को समझने की कोशिश की है. गृहमंत्री होने के कारण यह मामला राजनाथ सिंह के विभाग का है. वहीं, खबर यह है कि टीडीपी सांसद व केंद्रीय मंत्री वाइएस चौधरी सोमवार को बजट में राज्य की मांगों के संबंध में वित्तमंत्री अरुण जेटली से मुलाकात कर सकते हैं. चौधरी के साथ इस दौरान कुछ सांसद भी मौजूद रह सकते हैं. वहीं, टीडीपी सांसद टीजी वेंकटेश ने कहा है कि बीजेपी अगर हमारे पैकेज की मांग पूरा कर देती है तो हमारा दोस्ती उनके साथ कायम रहेगी, नहीं तो हमारे विकल्प हमेशा खुले हुए हैं.

टीडीपी की बैठक, राज्य पुनर्गठन के वादे को पूरा करने पर चर्चा

उधर, अमरावती में भाजपा की अगुवाई वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गंठबंधन यानी एनडीए छोड़ने के फैसले पर आजचंद्रबाबू नायडू के नेतृत्व में टीडीपी के प्रमुख नेताओं की बैठक हुई, जिसमें सभी महत्वपूर्ण बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा की गयी. इस बैठक के बाद टीडीपी के सांसद के श्रीनिवास ने मीडिया से कहा कि मुख्यमंत्री व हमारे नेता चंद्रबाबू नायडू व पार्टी के सभी सांसदों के बीच विस्तार से बात हुई. उन्होंने कहा है कि हमलोग अपने राज्य आंध्रप्रदेश व वहां की जनता के विकास में रुचि रखते हैं. उन्होंने कहा कि हमने राज्य पुनर्गठन को लेकर किये गये वादों को पूरा करने पर चर्चा की है. उन्होंने कहा कि हम वो कदम उठायेंगे जो राज्य के हित में हो.

ध्यान रहे कि यूपीए – 2 शासन में एकीकृत आंध्रप्रदेश का पुनर्गठन किया गया और आंध्रप्रदेश व तेलंगाना दो राज्य अस्तित्व में आये. हैदराबाद को तेलंगाना की स्थायी राजधानी बनाया गया, जबकि नयी राजधानी बनने तक आंध्र की राजधानी भी हैदराबाद को रखने का निर्णय लिया गया है. आंध्रप्रदेश ने अमरावती को अपनी नयी राजधानी बनाने का एलान किया है और चंद्रबाबू नायडू सरकार ने इसके लिए बहुत ही महत्वाकांक्षी परियोजना तैयार की है और उस पर काम भी हो रहा है. इस पर अरबों रुपये खर्च आना है, जिसमें राज्य केंद्र से बड़ी आर्थिक सहायता चाहता है. नायडू अमरावती को देश का पहला ग्रीन इनर्जी वाला शहर बनाना चाहते हैं.

बापू के निजी सहायक रहे वेंकट ने कहा-‘कभी नहीं कहा था कि ‘हे राम’ बापू के आखिरी शब्द नहीं थे’

बजट में उपेक्षा से नाराजगी

एक फरवरी को वित्तमंत्री अरुण जेटली द्वारा आम बजट पेश किये जाने के बाद दक्षिण भारत में भाजपा की सबसे बड़ी सहयोगी पार्टी तेलगुदेशम पार्टी ने इस पर तीखी नाराजगी जतायी थी और कहा था कि अमरावती को राजधानी के रूप में विकसित करने के लिए बजट में कोई एलान नहीं किया गया है. टीडीपी के एक सांसद ने कहा था कि ऐसी स्थिति में हमें युद्ध का एलान करना होगा.

आम बजट के पहले भी चंद्रबाबू नायडू ने भाजपा से दोस्ती को लेकर नाराजगी प्रकट की थी. मालूम हो कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना से पहले ही महराष्ट्र में अगला लोकसभा चुनाव व विधानसभा चुनाव भाजपा से अलग होने का एलान किया है. शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत भाजपा पर पार्टी की उपेक्षा करने और उसे नुकसान पहुंचाने का आरोप लगा चुके हैं.

उधर, बिहार में एनडीए की सहयोगी केंद्रीय राज्य मंत्री उपेंद्र कुशवाहा की रालोसपा भी नाराज है. शिक्षा को लेकर कुशवाहा द्वारा बिहार में पिछले दिनों बनाये गये मानव शृंखला में एनडीए के पार्टनर भाजपा व जदयू शामिल नहीं हुए थे, जबकि यूपीए के पार्टनर लालू प्रसाद की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल के लोग शामिल हुए थे.

सत्तापक्ष में बढ़ी इस खटपट और राजस्थान व पश्चिम बंगाल उपचुनाव में भाजपा की जबरदस्त हार से कांग्रेस नेताओं के चेहरे पर चमक आ गयी है और उसके मुख्य प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा है कि अब कांग्रेस 2019 के लिए धुरी बनेगी और राहुल गांधी नरेंद्र मोदी के विकल्प होंगे.

एनडीए में पड़ी दरार से कांग्रेस उत्साहित, बोली – मोदी के विकल्प सिर्फ और सिर्फ राहुल गांधी

Next Article

Exit mobile version