राष्ट्रपति शासन के खिलाफ आप की याचिका पर उच्चतम न्यायालय चार को करेगा सुनवाई
नयी दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने आज कहा कि दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लागू करने के निर्णय को चुनौती देने वाली आम आदमी पार्टी की याचिका पर चार जुलाई को सुनवाई की जायेगी. इससे पहले न्यायालय को सूचित किया गया कि उपराज्यपाल ने आम चुनाव संपन्न होने के बाद इस मसले पर निर्णय करने का निश्चय […]
नयी दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने आज कहा कि दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लागू करने के निर्णय को चुनौती देने वाली आम आदमी पार्टी की याचिका पर चार जुलाई को सुनवाई की जायेगी. इससे पहले न्यायालय को सूचित किया गया कि उपराज्यपाल ने आम चुनाव संपन्न होने के बाद इस मसले पर निर्णय करने का निश्चय किया है.प्रधान न्यायाधीश आर एम लोढा की अध्यक्षता वाली खंडपीठ से आप पार्टी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता फली नरिमन ने अनुरोध किया कि इस मामले को जुलाई के प्रथम सप्ताह के लिये सूचीबद्ध किया जाये क्योंकि उपराज्यपाल ने सूचित किया है कि 16 मई के बाद वह इस पर गौर करेंगे.
आप पार्टी के एक अन्य वकील प्रशांत भूषण ने भी न्यायालय से यही अनुरोध किया और कहा कि कोई भी राजनीतिक दल सरकार गठित करने के लिये आगे नहीं आ रहा है. उन्होंने कहा कि इस समय चुनाव हो रहे हैं और इसके परिणाम विधान सभा चुनाव के बाद की स्थिति में बदलाव कर सकते हैं.शीर्ष अदालत ने इससे पहले कहा था कि राष्ट्रपति द्वारा दिल्ली विधान सभा भंग करके नये चुनाव कराने का रास्ता साफ करने में कोई कानूनी अडचन नहीं है. साथ ही न्यायालय ने स्पष्ट किया था कि इस मामले में वह कोई निर्देश नहीं दे रहा है और तथ्यों तथा परिस्थितियों के आधार पर राष्ट्रपति को ही निर्णय करना होगा.
न्यायालय ने कहा था कि वह सिर्फ संवैधानिक मसले तक ही अपनी कार्यवाही को सीमित रखेगा और इसके राजनीतिक पहलुओं पर गौर नहीं करेगा. अरविन्द केजरीवाल के नेतृत्व वाली सरकार के इस्तीफे के बाद उपराज्यपाल नजीब जंग विधान सभा भंग करने के पक्ष में नहीं थे और उन्होंने विधान सभा को निलंबित रखा था.