जासूसी प्रकरण : केंद्र सरकार ने खींचा कदम, न्यायाधीश का नाम तय नहीं
नयी दिल्ली : गुजरात जासूसी कांड की जांच अभी नहीं होगी. इस बात की पुष्टि सरकारी सूत्रों ने की है. सरकार का कहना है कि जांच अगली सरकार करेगी. प्राप्त जानकारी के अनुसार सरकार ने यह फैसला राष्ट्रपति की सलाह पर किया है. सरकार के सहयोगी एनसीपी और नेशनल कॉन्फ्रेंस ने जांच का विरोध किया […]
नयी दिल्ली : गुजरात जासूसी कांड की जांच अभी नहीं होगी. इस बात की पुष्टि सरकारी सूत्रों ने की है. सरकार का कहना है कि जांच अगली सरकार करेगी. प्राप्त जानकारी के अनुसार सरकार ने यह फैसला राष्ट्रपति की सलाह पर किया है.
सरकार के सहयोगी एनसीपी और नेशनल कॉन्फ्रेंस ने जांच का विरोध किया था. आज गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे राष्ट्रपति से मिले हैं और उन्हें असम हिंसा के बारे में जानकारी दी है. गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे और कानून मंत्री कपिल सिब्बल ने यह घोषणा की थी कि मतगणना से पहले मोदी के खिलाफ जांच के लिए कमेटी के अध्यक्ष हाईकोर्ट के कोई जज नियुक्त कर दिये जायेंगे.
सहयोगी दलों के भारी विरोध के चलते सरकार ने उस आयोग की अध्यक्षता करने के लिए न्यायाधीश का नाम तय नहीं करने का निर्णय किया है जिसे गुजरात पुलिस द्वारा एक युवती की जासूसी की जांच करने के लिए गठित किया गया था. गुजरात पुलिस ने यह जांच मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की कथित शह पर की थी.
सरकारी सूत्रों ने बताया, हमने न्यायाधीश नियुक्त करने का निर्णय अगली सरकार पर छोड दिया है. सरकार के इस कदम से एक दिन पहले ही संप्रग के दो घटक दलों राकांपा और नेशनल कांफ्रेंस ने संप्रग द्वितीय सरकार के कार्यकाल के अंतिम कुछ दिनों में उठाये गये इस कदम का खुले तौर पर विरोध किया था.