कांग्रेस ने PM के भाषण को बताया निराशाजनक, राफेल सौदे पर मौन रहने का लगाया आरोप
नयी दिल्ली : कांग्रेस ने बुधवार को संसद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिये गये भाषणों को ‘निराशाजनक’ करार देते हुए कहा कि इसमें किसानों और युवाओं को रोजगार दिलाने के बारे में कुछ नहीं कहा गया. पार्टी ने यह भी आरोप लगाया कि राफेल लड़ाकू विमान सौदे में भ्रष्टाचार हुआ और ‘प्रधानमंत्री भ्रष्टाचार करनेवालों […]
नयी दिल्ली : कांग्रेस ने बुधवार को संसद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिये गये भाषणों को ‘निराशाजनक’ करार देते हुए कहा कि इसमें किसानों और युवाओं को रोजगार दिलाने के बारे में कुछ नहीं कहा गया. पार्टी ने यह भी आरोप लगाया कि राफेल लड़ाकू विमान सौदे में भ्रष्टाचार हुआ और ‘प्रधानमंत्री भ्रष्टाचार करनेवालों का बचाव कर रहे हैं.’
कांग्रेस संसदीय दल की नेता सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री के भाषण पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इसमें कुछ भी नया नहीं है. उन्होंने कहा, ‘वह पुरानी बातों को दोहरा रहे हैं. लोग अपनी नौकरी को लेकर इच्छुक हैं. वे अपने भविष्य के बारे में जानना चाहते हैं.’ प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का लोकसभा और राज्यसभा में जवाब दिया. उन्होंने कांग्रेस पर देश को टुकड़े करने और कांग्रेस के नेताओं पर एक परिवार का गुणगान करने का आरोप लगाया. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मोदी के भाषण पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए संवाददाताओं से कहा कि ‘प्रधानमंत्री ने एक घंटे भाषण दिया, किंतु वायुसेना, शहीदों के बारे में कुछ नहीं कहा.’ उन्होंने कहा, ‘बस यह बता दीजिये कि आपने यह (राफेल विमान खरीद) सौदा बदला कि नहीं. पैसा कम दिया या ज्यादा दिया. क्या कमीशन लिया या नहीं. प्रधानमंत्री ने भ्रष्टाचार पर प्रहार की बात कही थी. भ्रष्टाचार हुआ है. प्रधानमंत्रीजी उन लोगों की रक्षा कर रहे हैं जिन्होंने भ्रष्टाचार किया है.’ राफेल लड़ाकू विमान सौदे के बारे में राहुल ने प्रधानमंत्री से सवाल किया कि इसमें घपला हुआ कि नहीं? क्या आपने अनुबंध बदला? क्या आपने कैबिनेट समिति से पूछा? विमान किस दाम पर खरीदा गया.
उन्होंने कहा, ‘पहली बार रक्षा मंत्री कह रही हैं कि हम देश को नहीं बतायेंगे. सबसे बड़ा सौदा हुआ है, वायुसेना की रीढ़ की हड्डी (का मामला है) और रक्षा मंत्री कह रही हैं कि हम नहीं बतायेंगे. यह गोपनीय है. पेरिस, फ्रांस में हमने जो सौदा किया है, वह गोपनयीय है, हम देश को नहीं बता पायेंगे.’ उल्लेखनीय है कि रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने राज्यसभा में गत दिनों एक प्रश्न के लिखित जवाब में पूर्व में फ्रांस के साथ हुए समझौते का हवाला देते हुए राफेल विमान का खरीद मूल्य बताने से इनकार कर दिया था. उन्होंने कहा कि वह प्रधानमंत्री के तौर पर नहीं, विपक्ष के नेता के तौर पर बोल रहे थे. उन्होंने कहा, ‘हम प्रधानमंत्रीजी से प्रधानमंत्री का भाषण सुनना चाहते थे.’ उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्रीजी एक घंटे से अधिक बोले लेकिन राफेल सौदे पर एक भी शब्द नहीं कहा.’
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री का भाषण ‘राजनीतिक एवं प्रचार भाषण था. लेकिन, देश के सामने जो मुद्दे हैं-रोजगार का मुद्दा, उसके बारे में प्रधानमंत्री ने कुछ नहीं कहा. बंगाल की बात कर रहे हैं, कर्नाटक की बात कर रहे हैं.’ उन्होंने कहा, ‘किसानों को उनकी उपज को सही दाम दिलाने की बात और उनका कर्ज माफ करने की बात करने के बजाय प्रधानमंत्री मधुमक्खी पालन और बांस की बात कर रहे हैं.’ राहुल ने बाद में ट्वीट कर कहा, ‘दिन-रात कांग्रेस को कोसना ही अब मोदीजी का डीएनए बन गया है. 45 महीने बीत गये. कोसने से करने तक का फासला कब तय करेंगे? शासन और सरकार की जवाबदेही कब तय होगी? या फिर, बातों का सिर्फ काम और काम की बात नहीं.’
लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री स्वयं लोकतंत्र में विश्वास नहीं करते. वह कहते कुछ और है तथा करते कुछ और हैं. उन्होंने कहा, ‘यह उनका राजनीतिक, चुनावी भाषण था. हम भाषण से निराश हुए हैं.’ कांग्रेस नेता एवं लोकसभा सदस्य शशि थरूर ने कहा, ‘समस्या यह है कि जो सभी तथ्य और आंकड़े दिये गये वे इस तरह के आंकड़े हैं जो विस्तृत समीक्षा में टिक नहीं सकते. मुझे लगता है कि जनता इसे समझेगी.’ बाद में राहुल ने एक बयान जारी कर कहा, ‘हम एक विजन, एक दृष्टिकोण की उम्मीद कर रहे थे. इसके बजाय हमें दृष्टिकोण से रहित चुनावी भाषण (सुनने को) मिला. आप प्रधानमंत्री से जिस प्रकार की गंभीरता की उम्मीद कर रहे थे, यह वैसा नहीं था.’