राफेल विवाद : जेटली ने कहा- हथियारों के दाम सार्वजनिक नहीं किये जा सकते

नयी दिल्ली :राफेल को लेकर छीड़े विवाद के बीच वित्त मंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को लोकसभा में राहुल गांधी पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने राष्ट्रीय सुरक्षा को दांव पर लगा कर एक मुद्दा खड़ा किया है. जेटली ने कहा, विमानों की कीमत सार्वजनिक नहीं की जा सकती है. उन्होंने 2005 […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 8, 2018 7:40 PM

नयी दिल्ली :राफेल को लेकर छीड़े विवाद के बीच वित्त मंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को लोकसभा में राहुल गांधी पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने राष्ट्रीय सुरक्षा को दांव पर लगा कर एक मुद्दा खड़ा किया है. जेटली ने कहा, विमानों की कीमत सार्वजनिक नहीं की जा सकती है.

उन्होंने 2005 में तत्कालीन रक्षा मंत्री प्रणव मुखर्जी के बयान का हवाला भी दिया. जेटली ने कहा कि प्रणब मुखर्जी ने भी कहा था कि हथियारों की कीमत नहीं बतायी जा सकती. गौरतलब है कि पिछले दो दिन से राफेल का मुद्दा गरमाया हुआ था.

लोकसभा में वर्ष 2018- 19 के केंद्रीय बजट पर चर्चा का जवाब देते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि कांग्रेस अर्थव्यवस्था की धुंधली तस्वीर पेश कर रही है लेकिन आंकड़े गवाह हैं कि राजकोषीय स्थिति से लेकर सकल घरेलू उत्पाद, मुद्रा स्फीति, विदेशी मुद्रा भंडार जैसे पैमाने पर आज देश की स्थिति कांग्रेस नीत संप्रग सरकार की तुलना में कहीं बेहतर है. आईएमएफ एवं अन्य रेटिंग एजेंसी के आंकड़े का हवाला देते हुए जेटली ने कहा, ‘‘ हमें अर्थव्यवस्था के संदर्भ में जो चीजें विरासत में मिली, उसके बाद से हमारी सरकार की संरचनात्मक सुधार पहल के कारण अब स्थिति बिल्कुल अलग हो गयी है. तब (संप्रग) कोई भारत की सबसे तेज गति से बढ़ती अर्थव्यवस्था की चर्चा कोई नहीं करता था. केंद्र में हमारी सरकार के आने के बाद पिछले तीन वर्षो में भारत की वृद्धि दर दुनिया में सर्वोच्च बनी रही.’

वित्त मंत्री अरूण जेटली ने आज कहा कि वैश्विक आर्थिक मंदी की स्थिति के बावजूद केंद्र की राजग सरकार की संरचनात्मक सुधार पहल एवं ठोस नीतियों के कारण भारत की वृद्धि दर पिछले तीन वर्षो में दुनिया में सर्वोच्च बनी रही और जीएसटी एवं नोटबंदी जैसे कठिन निर्णयों के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था दुनिया का सबसे ‘ब्राइट स्पॉट’ बन गये हैं.
उन्होंने कहा कि 2014 -15 में जीडीपी वृद्धि दर 7.5 प्रतिशत, 2015 – 16 में 7.6 प्रतिशत और 2016 -17 में 7.1 प्रतिशत रही. इस वर्ष इसके 6.7 प्रतिशत रहने का अनुमान है. जेटली ने कहा कि तब भी चर्चा यह हो रही है कि क्या इस वर्ष भारत 0.1 प्रतिशत से दुनिया में सबसे तेज गति से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था होने से चूक जायेगा. उन्होंने कहा कि कृषि, गरीबी उन्मूलन, रोजगार देश के समक्ष चुनौती हैं लेकिन क्या ये चुनौतियां पिछले चार साल में उत्पन्न हुई हैं ? कांग्रेस पर निशाना साधते हुए वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘ पिछले 55 वर्षो तक आप सत्ता में थे, ऐसे में आपको (कांग्रेस) यह आत्मचिंतन करना चाहिए कि इन चुनौतियों के संदर्भ में आपका क्या योगदान रहा. ‘ उन्होंने कहा कि पिछले चार वर्षो में हमारी सरकार ने जीएसटी, नोटबंदी समेत अनेक संरचनात्मक सुधार पहल लागू की.
‘‘ चार वर्षो में जिस प्रकार के आर्थिक सुधार किये गए, मैं नहीं समझता कि पहले ऐसा हुआ. इन सुधारों से आने वाले समय में लाभ मिलेगा.’ तृणमूल कांग्रेस सदस्यों के आरोपों के संदर्भ में जेटली ने कहा कि जब तृणमूल कांग्रेस केंद्र में तत्कालीन संप्रग सरकार का समर्थन कर रही थी तब राजकोषीय घाटा 6 प्रतिशत था और मुद्रा स्फीति की दर 11.12 प्रतिशत थी. आज राजकोषीय घाटा को 3.2 प्रतिशत लाने के प्रयास कर रहे हैं और मुद्रा स्फीति की दर 4 प्रतिशत से थोड़ी अधिक है. वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के संदर्भ में उन्होंने कहा कि जीएसटी को लागू करने में केंद्र के साथ राज्यों की सहभागिता रही है और इसमें कांग्रेस की प्रदेश सरकारें भी शामिल है.
तृणमूल कांग्रेस ने भी इसका समर्थन किया था. इस बारे में संविधान संशोधन किया गया और इसे सितंबर 2017 तक लागू करने की संवैधानिक बाध्यता थी. इसलिए इसे लागू किया गया. उन्होंने कहा, ‘‘कुछ महीनों के अंदर हम जीएसटी को स्थिर करने में सक्षम रहे हैं, हमने राजस्व वृद्धि के साथ दरें कम की हैं. ‘ जीएसटी दर के बारे में कांग्रेस के आरोपों पर जेटली ने कहा कि जब केंद्र में कांग्रेस नीत सरकार थी तब 31 प्रतिशत तक कर वसूला जाता था और राजग सरकार आने के बाद वे 18 प्रतिशत की सीमा तय करने की सलाह दे रहे हैं. नोटबंदी के संदर्भ में उन्होंने कहा कि यह कठिन फैसला था और आरोप लगाये जा रहे थे कि इससे जीडीपी में 2 प्रतिशत की गिरावट आयेगी. लेकिन आंकड़े गवाह हैं कि सिर्फ 0.4 प्रतिशत की कमी आने का अनुमान है. इसमें जीएसटी का भी योगदान रहा है. उन्होंने कहा कि कारोबार सुगमता में भारत की स्थिति बेहतर हुई है.

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