नयी दिल्ली :इंडियन एयरफोर्स के जांबाज अफसर की छवि रखने वाला 51 साल का ग्रुप कैप्टन अरुण मारवाह हवा में शानदान कलाबाजियां करने में माहिर है. अगर वे अपने पद से कुछ सालों बाद ससम्मान रिहा होते तो उनकी सफलता की कहानियां सुनायी जातीं और शायद उनकीवर्दी में उपलब्धियों काऔर तमगा लगता. लेकिन,जीवन की एकगलतीने उन्हेंपाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ का जासूस बना दियाऔर उन्होंने दो महिलाओं के जाल में फंस कर देश कीखुफिया सूचनाएंउन्हें दे दी.अबवे जेलकीसलाखों के पीछेपहुंच गये हैं. अरुण मारवाह सोशल मीडिया फेसबुक पर सक्रिय रहे हैं और उन्हें किरण रंधावा नाम की एक महिला ने फेसबुक मैसेंजर से एक मैसेज भेजा, फिर दोनों में दोस्ती हो गयी. किरण रंधावा ने अरुण मारवाह के सामने खुद को वीरता की कहानी सुनने में दिलचस्पी रखने वाली एक महिला के रूप में पेश किया.
अरुण मारवाह एक सैनिक थे और उन्हें यह अहसास हुआ कि उनकीवीरता से किरण रंधावा प्रभावित हैं.किरण रंधावा को धीरे-धीरे अरुण मारवाह जांबाजी की कहानियां सुनाने लगे, जिसे वह महिला बहुत रुचि लेकर सुनती. दरअसल, वह मारवाह को अपने जाल में फांस रही थी. दोनों की दोस्ती गहरी होती गयी और फिर किरण रंधावा ने महिमा नाम की एक लड़की से अरुण मारवाह का परिचय कराया. 51 साल के मारवाह 20 साल से कम की महिला से प्रभावित हो गये और दोनों में सोशल मीडिया व अन्य संपर्कों के जरिये बातें होने लगीं.
वाट्सएप कॉल के जरिये मारवाह व महिमा में बात होने लगी और यह धीरे-धीरेवह वीडियो कॉल और अश्लील वीडियो कॉल तक पहुंच गयी. आश्चर्य की बात यह कि महिला जिस नंबर से मारवाह से वाट्सएप पर वीडियो कॉल से बात करती थी, वह नंबर मारवाह का खुद का था और उसी के पास था. यानी इसका मतलब यह हुआ कि महिमा ने अपने मोबाइल पर वाट्सएप मारवाह के मोबाइल नंबर से डॉउनलोड किया था और उसका वेरिफिकेशन पासवर्ड मारवाह ने महिला को बताया होगा. इससे यह भी पता चलता है कि उनके रिश्ते कितने अंतरंग हो गये थे.
दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल के एक अफसर के अनुसार, मारवाह दो पाकिस्तानी एजेंटों को डाक्यूमेंट उपलब्ध कराता था. उस पर इंडियन एयरफोर्स के हेडक्वार्टर के संबंध में गोपनीय सूचनाएं वाट्सएप के जरिये साझा करता था. अधिकारी के अनुसार, पाकिस्तानी जासूस उससे दो महिलाओं के रूप में वाट्सएप व सोशल मीडिया से जुड़े थे. उनके बीच नंगी तस्वीरों का आदान-प्रदान तक होता था. संदेह के आधार पर मारवाह को एयरफोर्स ने 31 जनवरी को अपने कब्जे में लिया था.
दिल्ली पुलिस ने कई दिनों की पूछताछ के बाद अरुण मारवाह को गिरफ्तार किया है, जिससे यह साफ है कि उसके खिलाफ सबूत बहुत पुख्ता हैं. उसे पांच दिन की न्यायिक हिरासत में भी भेज दिया गया है. अब पुलिस इस मामले की जांच करेगी कि वे दोनों महिलाएं कौन हैं, कहां की हैं? पड़ताल का एक अहम बिंदु यह भी है कि महिला ने जिस मोबाइल पर बात कि उसका आइएमआइ नंबर पाकिस्तान का है या भारत का या फिर कहीं और का?