विपक्षी पार्टियों की ”उम्मीद” क्यों बनते जा रहे हैं चंद्रबाबू नायडू
28 साल की उम्र में पहली बार विधायक बने चंद्रबाबू नायडू इन दिनों भारत में विपक्षी पार्टियों की उम्मीद बन गये हैं. भाजपा और तेलगु देशम पार्टी के बीच बढ़ते खटास को देखते हुए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने आज चंद्रबाबू नायडू के पक्ष में ट्वीट कर दिया और कहा कि आंध्र प्रदेश को विशेष […]
28 साल की उम्र में पहली बार विधायक बने चंद्रबाबू नायडू इन दिनों भारत में विपक्षी पार्टियों की उम्मीद बन गये हैं. भाजपा और तेलगु देशम पार्टी के बीच बढ़ते खटास को देखते हुए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने आज चंद्रबाबू नायडू के पक्ष में ट्वीट कर दिया और कहा कि आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य के दर्जा मिलना चाहिए. विशेष राज्य के दर्जा की मांग भारतीय राजनीति के लिए नयी नहीं है.
पहले नीतीश कुमार बिहार के विशेष राज्य की लगातार मांग करते आये हैं, चुनाव के पहले तक यह मुद्दा बना रहा . लेकिन अब नीतीश भाजपा के सहयोगी बन चुके हैं. यह मांग भी एक तरह से ठंढे बस्ते में डाला जा चुका है. नीतीश , चंद्रबाबू नायडू और नरेंद्र मोदी कभी भारत के सक्षम मुख्यमंत्री के रूप में गिने जाते थे. बदले हुए राजनीतिक परिस्थितियों में विपक्ष को ऐसे चेहरे की सख्त जरूरत है, जो मोदी का विकल्प बन सके.अब चंद्रबाबू नायडू और भाजपा के बीच जारी गतिरोध को लेकर विपक्षी खेमें में उम्मीद जग गयी है. चंद्रबाबू नायडू दुबई यात्रा पर हैं, लेकिन उन्होंने सांसदों से फोन पर बात करके वित्त मंत्री पर लगातार दबाव बनाने को कहा है.