!!नवीन कुमार राय!!
कोलकाता : बंगाल को जीतना है, तो हर हाल में त्रिपुरा को जीतना ही होगा. यह बात भाजपा केंद्रीय नेतृत्व ने बंगाल और त्रिपुरा के सभा नेताओं और कार्यकर्ताओं को समझा दिया है. त्रिपुरा की कमान फिलहाल राम माधव संभाल रहे हैं. पूरे मामले पर पार्टी अध्यक्ष अमित शाह नजर रखे हुए हैं.
इस बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी त्रिपुरा में पहले दौर का प्रचार कर वापस लौट गये हैं. उन्होंने अपना अनुभव अमित शाह को बता दिया है. यही वजह है कि पहले मुकुल राय को त्रिपुरा चुनाव में अहम जिम्मेदारी नहीं दी जा रही थी. लेकिन शुक्रवार को उन्हें आपात स्थिति में तुरंत त्रिपुरा पहुंचने का फरमान दिया गया. वह त्रिपुरा पहुंच भी गये. पार्टी ने उन्हें अभी से ही संगठन के काम में उतार दिया है.
भाजपा को त्रिपुरा जीतने के लिए बंगाल भाजपा के नेताओं की जरूरत महसूस हो रही है, इसलिए मुकुल राय के अलावा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष, राहुल सिन्हा, बाबुल सुप्रियो, रूपा गांगुली, लाॅकेट चटर्जी, जय बनर्जी को मैदान में उतारा जा रहा है. बंगाल के नेता अभी तक जीतने के मकसद से चुनाव नहीं लड़े हैं. उन्हें त्रिपुरा का अनुभव दिया जायेगा.
उल्लेखनीय है कि त्रिपुरा में भाजपा का कोई वजूद नहीं था, लेकिन हाल के दिनों में हालात काफी बदल गये हैं. त्रिपुरा की जमीनी हकीकत की खबर रखने वालों के मुताबिक कांग्रेस से टूटकर जब तृणमूल कांग्रेस अस्तित्व में आयी, तब से कांग्रेस यहां लगातार कमजोर होने लगी. लेकिन तृणमूल के सभी छह विधायकों के रातोंरात भाजपा के हो जाने से भाजपा राज्य में अचानक नंबर दो की स्थिति में आ गयी. पार्टी ने बदले हालात का जमकर फायदा उठाया.
लगातार अपने संगठन को मजबूत करने के साथ भाजपा ने सरकार विरोधी आंदोलनों की झड़ी लगा दी. मुकुल राय को पहले बुलाने के बाद भाजपा बंगाल के अन्य नेताओं को एक तरह से ट्रेनिंग देने के लिए बुला रही है.
राम माधव ने बंगाल के नेताओं का प्रचार करने में उपयोग करने के साथ प्रधानमंत्री को फिर से बुलाने के अलावा अमित शाह, अरुण जेटली, योगी आदित्यनाथ, हेमा मालिनी, पेमा खांडू और असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनेवाल सरीखे नेताओं के प्रचार की पूरी तालिका बना चुके हैं. इसे वह अमलीजामा पहनाने में लग गये हैं. 15 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने दूसरे दौर के प्रचार में शांति बाजार और अगरतल्ला में सभा करेंगे.
11 व 12 फरवरी को अमित शाह एक साथ कई सभा करेंगे
11 फरवरी को ही ‘अरुण जेटली विजन डॉक्यूमेंट’ लेकर त्रिपुरा के बुद्धजीवी वर्ग के बीच जायेंगे और उनके सम्मेलन को संबोधित करेंगे. 12 और 13 फरवरी को 20 से भी अधिक जनसभाएं योगी आदित्यनाथ, हेमा मालिनी, पेमा खांडू और सर्वानंद सोनेवाल सरीखे नेता करेंगे. इसके बाद कमान बंगाल के नेताओं को संभालनी होगी. कुल मिलाकर भाजपा ने बंगाल नेताओं को जता दिया है कि अगर पार्टी यहां जीतती है, तो इसका सीधा फायदा बंगाल में मिलेगा. इसके अलावा पूर्वोत्तर में त्रिपुरा के साथ मेघालय और नागालैंड में भी भाजपा का झंडा लहराने का जोश यहां से मिलेगा.