मिशन 2019 : भाजपा ने तैयार कर लिया है पांच सूत्री एजेंडा, ये है जीत का मंत्र
नयी दिल्ली : भाजपा ने 2018 में कुछ राज्यों में आसन्न विधानसभा चुनाव और 2019 के लोकसभा चुनाव के लिये तैयारी शुरू करते हुए पांच सूत्री एजेंडे को जीत का मंत्र बनाया है. इसमें बूथ स्तर पर टिफिन मीटिंग, युवा उद्घोष पहल, बजट घोषणा एवं सरकार की कल्याण योजनाओं को जनता के बीच रखना, पार्टी […]
नयी दिल्ली : भाजपा ने 2018 में कुछ राज्यों में आसन्न विधानसभा चुनाव और 2019 के लोकसभा चुनाव के लिये तैयारी शुरू करते हुए पांच सूत्री एजेंडे को जीत का मंत्र बनाया है. इसमें बूथ स्तर पर टिफिन मीटिंग, युवा उद्घोष पहल, बजट घोषणा एवं सरकार की कल्याण योजनाओं को जनता के बीच रखना, पार्टी के कार्यकर्ताओं की नाराजगी दूर करना और पन्ना प्रमुखों की टीम को मजबूत बनाना शामिल है.
भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह का युवाओं एवं आम लोगों को पार्टी से जोड़ने पर जोर रहा है. युवाओं को जोड़ने की पहल के तहत इस वर्ष जनवरी में वाराणसी से ‘युवा उद्घोष’ अभियान की शुरूआत की गयी है और इसे पूरे देश में आगे बढ़ाया जाएगा.
हाल ही में भाजपा संसदीय दल की बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने सांसदों से बूथ स्तर पर टिफिन मीटिंग करने का सुझाव दिया. सांसदों को कार्यकर्ताओं की नाराजगी दूर करने का मंत्र दिया गया है. इस मंत्र के तहत भाजपा सांसद अपने-अपने क्षेत्रों में जाकर बूथ स्तर पर टिफिन मीटिंग करेंगे और पार्टी कार्यकर्ताओं एवं अन्य लोगों के साथ टिफिन साझा करेंगे. भाजपा ने टिफिन प्लान का विचार संघ से लिया है. इस योजना को पार्टी ने सबसे पहले गुजरात में आजमाया था.
भाजपा नेता ने बताया कि वाराणसी से युवा उद्घोष की शुरुआत होने के बाद संगठन ने ऐसी कवायद जोरशोर से पूरे देश में करने का विचार बनाया है. ऐसे आयोजन के दौरान युवाओं को संगठन साहित्य, प्रधानमंत्री के भाषण की किताबें आदि भी वितरित की जाएंगी. यूथ ब्रिगेड के तहत प्राथमिकता ऐसे 17 वर्ष के युवाओं पर है जो पहली बार 2019 में वोट देंगे. प्रत्येक बूथ पर दस युवा के लक्ष्य के लिए इस उम्र सीमा में थोड़ी गुंजाइश भी रखी गयी है कि जरूरत के हिसाब से 35 वर्ष तक के युवाओं को जोड़कर टीम तैयार की जाए.
बूथ स्तर पर पार्टी को मजबूत बनाने के लिये ‘‘पन्ना प्रमुखों” की टीम को प्रथमिकता दी जा रही है. मिशन 2019 के तहत भाजपा सांसद अपने अपने क्षेत्र में मोदी सरकार की नीतियों का प्रचार-प्रसार करेंगे. भाजपा शीर्ष नेतृत्व का पार्टी सांसदों को साफ संकेत है कि अपने-अपने क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा सक्रिय रहें, इतना ही नहीं कार्यकर्ताओं को खास तवज्जो दें. पार्टी नेतृत्व ने हाल ही में राजस्थान में उपचुनाव में हार को सबक के तौर पर लेने पर जोर दिया है. पार्टी ने सांसदों से कहा है कि पार्टी की छवि को नकारात्मक न बनने दें.