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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने World government summit में दिया ”6आर” का ”आनंद” मंत्र

दुबई/नयी दिल्ली : वर्ल्ड गवर्नमेंट समिट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर दुनिया को नया मंत्र दिया है. आम तौर पर प्रधानमंत्री मोदी ने अब तक अनेक शब्दों को आपस में जोड़कर कर्इ तरह के शब्दों का संक्षेपण तैयार किया है. इस बार उन्होंने दुबर्इ में आयोजित वर्ल्ड गवर्नमेंट समिट 6आर का मंत्र […]

दुबई/नयी दिल्ली : वर्ल्ड गवर्नमेंट समिट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर दुनिया को नया मंत्र दिया है. आम तौर पर प्रधानमंत्री मोदी ने अब तक अनेक शब्दों को आपस में जोड़कर कर्इ तरह के शब्दों का संक्षेपण तैयार किया है. इस बार उन्होंने दुबर्इ में आयोजित वर्ल्ड गवर्नमेंट समिट 6आर का मंत्र दिया है.

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इस समिट में प्रधानमंत्री मोदी ने सतत विकास की अवधारणा के संदर्भ में बोलते हुए रहा कि आज के समय में इस रास्ते पर छह महत्त्वपूर्ण कदम हैं. पीएम मोदी ने 6आर के फाॅमूले को बताते हुए कहा कि 6 आर मतलब रिड्यूस, रियूज, रिसाइकल, रिकवर, रिडिजाइन और रिमैन्युफैक्चर है. पीएम ने कहा कि इन छह कदमों से हम जिस मंजिल पर पहुंचेंगे, वह रिजॉइस यानी आनंद की होगी.

समिट में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वर्ल्ड गवर्नेंट समिट में मुझे मुख्य अतिथि के तौर पर बुलाया जाना न सिर्फ मेरे लिए बल्कि 125 करोड़ भारतीयों के लिए भी गर्व की बात है. पीएम ने कहा कि यूएई में 33 लाख भारतीयों को अपनापन मिला है, इसके लिए भारत आपका कृतज्ञ है. प्रधानमंत्री मोदी ने दुबई को दुनिया के लिए एक उदाहरण बताते हुए कहा कि प्रौद्योगिकी ने एक रेगिस्तान को बदल दिया, यह चमत्कार है. पीएम ने कहा कि विकास के लिए तकनीक के इस्तेमाल में दुबई खुद में बेमिसाल है. आज दुबई आगे बढ़ रहा है, तो उसके पीछे उसका संकल्प है. यूएई ने सफल प्रयोगों को लैब तक सीमित नहीं रहने दिया.

हालांकि, प्रधानमंत्री मोदी ने तकनीक के अंधाधुंध इस्तेमाल से खड़े हो रहे संकटों की ओर भी इशारा किया. मिसाइल और बमों के निर्माण में वैश्विक रूप से बढ़ते निवेश पर चिंता जताते हुए उन्होंने तकनीक के दुरुपयोग के प्रति चेताया भी है. उन्होंने कहा कि कि इसका इस्तेमाल विकास के लिए होना चाहिए, विनाश के लिए नहीं. पीएम ने कहा कि कभी-कभी ऐसा लगता है कि मानव तकनीक को प्रकृति पर विजय का ही नहीं, उस से संघर्ष का साधन बनाने की भूल कर रहा है. इसकी कीमत बहुत भारी है. मानवता के भविष्य के लिए हमें प्रकृति के साथ संघर्ष नहीं, सहजीवन का रास्ता चाहिए.

प्रधानमंत्री मोदी ने एक तरह से सतत विकास की अवधारणा पर बल देते हुए कहा कि तमाम विकासों के बावजूद हम आज भी गरीबी और कुपोषण को खत्म नहीं कर पाए. उन्होंने कुछ लोगों द्वारा साइबर स्पेस को कट्टर बनाने की कोशिशों को लेकर भी अपनी चिंता जतायी. पीएम मोदी का इशारा खासकर आतंकी समूहों द्वारा साइबर स्पेस का इस्तेमाल कर ऑनलाइन जिहादियों की भर्ती की तरफ रहा. पीएम मोदी ने कहा कि आज हमारे सामने गरीबी, बेरोजगारी, शिक्षा, आवास और तमाम मानव विपत्तियों से जुड़ी चुनौतियां हैं.

उन्होंने कहा कि इन चुनौतियों पर विजय सिर्फ सबके साथ से ही संभव है. इसीलिए मेरी सरकार का मंत्र ‘सबका साथ सबका विकास है.’ उन्होंने भारत की कई योजनाओं का जिक्र कर अंतरराष्ट्रीय मंच पर देश की वृहद तस्वीर खींचने की कोशिश की. उन्होंने आधार योजना का जिक्र करते हुए कहा कि यूआर्इडीएआर्इ अपनी तरह का दुनिया का सबसे बड़ा कार्यक्रम है. इससे कई करोड़ की राशि का दुरुपयोग रुका है. भारत के 65 फीसदी लोग 35 वर्ष से कम के हैं. हमने 2022 तक किसानों की आय दोगुना करने का लक्ष्य बनाया है.

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