कठुआ: जम्मू के सुंजवान हमले के दौरान सूबेदार मदन लाल चौधरी ने निहत्थे ही आतंकवादियों का मुकाबला किया. उन्होंने अपने सीने में गोलियां खायीं, मगर अपनी शहादत देकर अपने परिवार की पूरी-पूरी हिफाजत की. शनिवार की सुबह आतंकवादियों ने सुंजवान सैन्य स्टेशन में उनके क्वार्टर पर हमला किया था. उस वक्त उनके परिवार के कई सदस्य एक रिश्तेदार की शादी के लिए खरीदारी करने उनके क्वार्टर पर ठहरे हुए थे.
जूनियर कमीशन प्राप्त सूबेदार मदन लाल चौधरी ने आतंकवादियों की एके-47 से निकलने वाली गोलियों की परवाह नहीं की. आतंकवादियों को क्वार्टर के अंदर दाखिल नहीं होने दिया. हालांकि उनकी 20 वर्षीया बेटी नेहा के पैर में गोली लगी और एक रिश्तेदार परमजीत भी घायल हो गयीं. उनकी शहादत की खबर से जिले के हीरानगर क्षेत्र स्थित उनके गांव में शोक की लहर दौड़ गयी, लेकिन लोगों को अपनी मांटी के इस वीर सपूत पर गर्व है.
चौधरी का परिवार फौजियों का है. उनके छोटे भाई शमशेर सिंह पूर्व सैनिक, बेटा सेना में कैप्टन और भतीजा वायुसेना में है.