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ट्रेन छूट जाए तो क्या करें, खाने के ज्यादा पैसे वसूलें जाए तो क्या करें, पढ़ें रेलवे के जरूरी नियम

नयी दिल्ली : भारतीय रेल ने यात्रियों की सुविधा के लिए अहम नियम बना रखें हैं. आपकी ट्रेन छूट जाने पर कबतक आप ट्रेन पकड़ सकते हैं.आपकी सीट कबतक किसी को नहीं दी जा सकती. ट्रेन में डब्बा बंद खाने की कीमत को लेकर क्या नियम हैं. पढ़ें रेलवे के कुछ नियम जिन्हें जानना आपके […]

नयी दिल्ली : भारतीय रेल ने यात्रियों की सुविधा के लिए अहम नियम बना रखें हैं. आपकी ट्रेन छूट जाने पर कबतक आप ट्रेन पकड़ सकते हैं.आपकी सीट कबतक किसी को नहीं दी जा सकती. ट्रेन में डब्बा बंद खाने की कीमत को लेकर क्या नियम हैं. पढ़ें रेलवे के कुछ नियम जिन्हें जानना आपके लिए बेहद जरूरी है.

आपकी ट्रेन छूट जाए तो क्या करें
अगर आप रेलवे स्टेशन तय समय तक नहीं पहुंच पाये और आपकी ट्रेन छूट गयी तो आप अगले दो स्टेशन तक पकड़ सकते हैं. अगले दो स्टेशन के बाद आपकी सीट किसी और को दी जा सकती है. ट्रेन छूट जाने के बाद आप टीडीआर (टिकट डिपॉजिट रिसीट) भरकर बेस फेयर का 50 फीसदी वापस ले सकते हैं.
मिड्ल बर्थ को लेकर क्या है नियम
बहुत कम लोग मिड्ल बर्थ चाहते हैं. अगर उन्हें मजबूरन यह बर्थ लेनी भी पड़ी तो परेशान रहते हैं कि जब उन्हें नींद आयेगी तो नीचे वाले यात्री को असुविधा तो नहीं होगी. रेलवे में इस बर्थ के लिए भी नियम हैं मिड्ल बर्थ वाला यात्रा अपनी बर्थ पर रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक सो सकता है. इसके बाद बर्थ नीचे करना होगा ताकि दूसरे यात्री आराम से बैठ सकें. ट्रैवल टिकट एग्जामिनर (TTE) भी रात के 10 बजे से सुबह के 6 बजे तक आपको तंग नहीं कर सकता
अगर ट्रेन में पालतू जानवर या चीड़िया ले जाने चाहें तो
अगर आपके घर में कोई ऐसा जानवर है जिसे आप घर पर नहीं छोड़ सकते. उसे अपने साथ ले जाने के लिए आपको इजाजत लेनी होगी. चिड़िया और दूसरे पालतू जानवरों को आप रेग्यूलर कोच में नहीं ले जा सकते. रेलवे कुछ मामलों में उन्हें लगैज वैन में ले जाने की इजाजत देता है. जानवर के देख रेख की पूरी जिम्मेदारी आप पर होगी. अगर आप चिड़िया ले जाना चाहते तो उसके पीने का पानी और चारा का इंतजाम सफर और तय घंटे के आधार पर आपको पहले ही करना होगा. भारतीय रेल आपको विदेशी प्रजाति के पक्षियों को ले जाने की इजाजत नहीं देता.
खाने के तय कीमत से ज्यादा पैसे वसूले जाएं तो क्या करें
रेलवे में बंद डिब्बे के खाने में तय की गयी कीमत से ज्यादा पैसे नहीं लिये जा सकते. रेलवे एक्ट 1989 में इसका उल्लेख है कि अगर बोतलबंद पानी या खाना तय कीमत से ज्यादा में बेची जा रही है तो आप इसकी शिकायत टोल फ्री नंबर 1800111321 पर कर सकते हैं. आपकी शिकायत पर कार्रवाई होगी और वेंडर का लाइसेंस भी रद्द किया जा सकता है.
टिकट खो जाए तो क्या करें
अब ऑनलाइन टिकट आपके मोबाइल और ईमेल पर आ जाते हैं. ऑनलाइन टिकट बुकिंग से इसके खो जाने का खतरा कम हो जाता है. अगर आपने रिजर्वेशन काऊंटर से सीट बुक करायी है और आपकी टिकट खो गयी तो आप यात्रा से 24 घंटे पहले चीफ रिजर्वेशन सुपरवाइजर के पास जाकर टिकट की कॉपी ले सकते हैं हालांकि आपको इसके लिए अलग से प्रोसेसिंग फीस के नाम पर पैसे देने होंगे.
अगर किसी कारण यात्रा बीच में ही रोक दी गयी तो
रेलवे अगर आपको आपके गंतव्य स्थान तक नहीं पहुंचा सका. किसी आपातकाल की वजह से बीच में रद्द हो गयी तो रेलवे आपके लिए वैकल्पिक व्यवस्था का इंतजाम करेगा या आपका पूरा पैसा वापस किया जायेगा. आपको इसके लिए अपना टिकट देना होगा. अगर रेलवे आपको वैकल्पिक व्यवस्था उपलब्ध कराता है लेकिन आप आगे उस माध्यम से यात्रा नहीं करना चाहते तो आपको तय दुरी तक का किराया देना होगा.

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