अपने प्रचार के लिए सरकारी संस्थाओं का इस्तेमाल कर रहे हैं मोदी
नयी दिल्ली : कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर आज आरोप लगाया कि विदेश यात्राओं में उनके निजी प्रचार के लिए सरकारी संस्थाओं-माध्यमों का दुरूपयोग किया जा रहा है.पार्टी ने इस बारे में सरकार से स्पष्टीकरण देने की मांग की.कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता आनन्द शर्मा ने आज संवाददाताओं से बातचीत में इस आरोप के समर्थन […]
नयी दिल्ली : कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर आज आरोप लगाया कि विदेश यात्राओं में उनके निजी प्रचार के लिए सरकारी संस्थाओं-माध्यमों का दुरूपयोग किया जा रहा है.पार्टी ने इस बारे में सरकार से स्पष्टीकरण देने की मांग की.कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता आनन्द शर्मा ने आज संवाददाताओं से बातचीत में इस आरोप के समर्थन में मस्कट में भारत के राजदूत के एक कथित पत्र का हवाला दिया जिसमें उन्होंने वहां की भारतीय कंपनियों- उद्योगों से कहा था कि वे प्रधानमंत्री के ओमान में होने वाले एक कार्यक्रम में उनके कर्मचारियों को शामिल होने के लिए कथित तौर पर कहा था.
प्रधानमंत्री मोदी 10 से 12 फरवरी के बीच संयुक्त अरब अमीरात, ओमान और फलस्तीन की यात्रा पर हैं.उन्होंने कल ओमान में भारतीय समुदाय को संबोधित किया था.शर्मा ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मोदी ने संसद में अपनी आलोचना को देश का अपमान बताया था.उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्रियों की आलोचना तो होती है किंतु देश उससे बहुत बड़ा है.प्रधानमंत्री का राजनीतिक विरोध भारत का विरोध नहीं है.‘‘इससे यह सोच झलकती है कि वह प्रजातांत्रिक नहीं अधिनायकवादी हैं.तानाशाहों की ऐसी सोच होती है.
प्रजातंत्र में ऐसी सोच के लिए जगह नहीं है।” शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को पूर्व की सरकारों पर आरोप लगाने के बजाय अब अपनी सरकार के कामकाज का हिसाब देना चाहिए.पूर्व केन्द्रीय मंत्री शर्मा ने दावा किया कि प्रधानमंत्री ने विदेश यात्रााओं में भारतीय समुदाय से कहा कि देश की कोई उपलब्धि नहीं है.
उनके इस बयान पर हमारा (कांग्रेस का) कहना यह है कि प्रधानमंत्री की ‘‘मानसिकता स्वस्थ” नहीं है.उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के सत्ता में आने से पहले विज्ञान एवं अंतरिक्ष सहित विभिन्न क्षेत्रों में भारत की तमाम उपलब्धियों को गिनाते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने पूरे देश की जनता का अपमान किया है.प्रधानमंत्री ऐसी बात कहकर अपने पद की गरिमा को गिरा रहे हैं.
कांग्रेस नेता ने कहा कि ओमान में प्रधानमंत्री के कार्यक्रम का जो आयोजन हुआ उसमें सरकार के संसाधनों का ‘उपयोग एवं दुरूपयोग’ हुआ.उन्होंने दावा किया कि मस्कट में भारत के राजदूत ने इसी साल 17 जनवरी को भारतीय कंपनियों – उद्योगों को लिखा था कि फरवरी के दूसरे सप्ताह में भारतीय समुदाय के लिए एक बड़ा आयोजन होगा.आपके जो कर्मचारी हैं, उन्हें इसमें शामिल होना होगा.
इसमें हर कंपनी को एक निश्चित संख्या में कर्मचारी लाने को कहा गया जिसमें से 80 प्रतिशत श्रमबहुल (ब्लू कॉलर) कर्मचारी होने चाहिएं.पत्र में उनसे कहा गया कि वे कर्मचारियों के लिए सामूहिक वाहन का प्रबंध करें और इस बारे में जानकारी को गोपनीय रखा जाए.उन्होंने कहा कि सरकार को इस बात का स्पष्टीकरण देना चाहिए कि सरकार के संस्थाओं और माध्यमों का दुरूपयोग प्रधानमंत्री के व्यक्तित्व के निजी प्रचार के लिए क्यों किया गया.