घुसपैठियों तथा शरणार्थियों को बराबरी पर रखना होगी नादानी:जेटली

नयी दिल्ली : घुसपैठियों के बारे में नरेन्द्र मोदी की टिप्पणी का बचाव करते हुए भाजपा नेता अरुण जेटली ने आज कहा कि देश को घुसपैठियों तथा शरणार्थियों के बीच के फर्क को समझना होगा. मोदी की आलोचना में कहा जा रहा है कि उनकी इस बारे में टिप्पणी के कारण असम में हाल में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 6, 2014 6:10 PM

नयी दिल्ली : घुसपैठियों के बारे में नरेन्द्र मोदी की टिप्पणी का बचाव करते हुए भाजपा नेता अरुण जेटली ने आज कहा कि देश को घुसपैठियों तथा शरणार्थियों के बीच के फर्क को समझना होगा. मोदी की आलोचना में कहा जा रहा है कि उनकी इस बारे में टिप्पणी के कारण असम में हाल में दो समुदायों के बीच खूनी संघर्ष हुआ. जेटली ने कहा, ‘‘घुसपैठियों के बारे में नरेन्द्र मोदी का रुख न्यायोचित और जायज है. हमें घुसपैठियों और शरणार्थियों के बीच के फर्क को समझना होगा. दोनों को बराबरी पर रखना नादानी होगी. मुझे लगता है कि इस विचार के आलोचक भी इस फर्क को समझते हैं लेकिन वोट बैंक की राजनीति की मजबूरी के चलते वे इससे सहमति नहीं दिखाएंगे.’’

उन्होंने कटाक्ष किया, खेद की बात यह है कि ध्रुवीकरण को भाजपा के विरोधियों द्वारा शह दी जाती है लेकिन हम पर ही ध्रुवीकरण से लाभान्वित होने का भी आरोप लगाया जाता है. भाजपा नेता ने दावा किया कि बांग्लादेश से बडे पैमाने पर घुसपैठ के कारण असम, पश्चिम बंगाल और पूर्वोत्तर के कुछ क्षेत्र्रों की आबादी का स्वरुप ही बदल गया है. पूर्वोत्तर में सामाजिक तनाव की मुख्य वजह यही है.

जेटली ने असम के कांग्रेस नेतृत्व के एक वर्ग पर आरोप लगाया कि वह वहां जानबूझ कर बांग्लादेशियों की घुसपैठ को शह दे रहा है. यह वर्ग असम में असमियों के वर्चस्व को समाप्त करना चाहता है. पूर्वोत्तर से बांग्लादेशी घुसपैठियों को वापस खदेडने के मोदी के बयान का बचाव करते हुए उन्होंने कहा कि यह सिर्फ भाजपा का रुख ही नहीं है बल्कि उच्चतम न्यायालय तक ने कहा है कि यह भारत पर मूक आक्रमण है.

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