”आप” के 20 विधायकों को अयोग्य करार दिये जाने के मामले में आज होगी सुनवाई

नयी दिल्ली : लाभ के पद पर बने रहने के आरोप में आप के 20 विधायकों को चुनाव आयोग ने अयोग्य करार दे दिया. इस मामले को लेकर ‘आप’ ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है आज इस मामले की सुनवाई होनी है. आम आदमी पार्टी ने चुनाव आयोग पर आरोप लगाते हुए कहा है कि […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 13, 2018 12:35 PM

नयी दिल्ली : लाभ के पद पर बने रहने के आरोप में आप के 20 विधायकों को चुनाव आयोग ने अयोग्य करार दे दिया. इस मामले को लेकर ‘आप’ ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है आज इस मामले की सुनवाई होनी है. आम आदमी पार्टी ने चुनाव आयोग पर आरोप लगाते हुए कहा है कि उनका पक्ष सुने बगैर ही उनके विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया गया. पिछली सुनवाई में आप विधायकों के वकील केवी विश्वनाथन ने हाईकोर्ट में कहा था कि चुनाव आयोग की सिफारिश गैरकानूनी है.

चुनाव आयोग ने 23 जून, 2017 को मेरे मुव्वकिलों को भरोसा दिया कि इस मामले में अंतिम बहस होगी. सबका पक्ष सुना जायेगा इसके बाद फैसला आयेगा. इसके बाद ना तो कोई बहस हुईओ ना विधायकों का पक्ष सुना गया. 20 विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया गया. आप के वकील ने जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस चंद्रशेखर की डबल बेंच के सामने चुनाव आयोग पर पक्षपात का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, पूरी बात सुने बगैर 20 विधायकों को अयोग्य करने की सिफारिश राष्ट्रपति को भेज दी गयी.
लाभ का पद संभालने के आरोप में चुनाव आयोग ने राष्ट्रपति से इन विधायकों को अयोग्य ठहराने की सिफारिश की थी. राष्ट्रपति को भेजी गयी अपनी राय में आयोग ने कहा था कि संसदीय सचिव के पद पर रहकर उन्होंने लाभ का पद संभाला और इसी वजह से वे दिल्ली विधानसभा के सदस्य के तौर पर अयोग्य करार दिए जाने लायक हैं. आयोग का यह कदम न्याय के प्राकृतिक सिद्धांतों का सीधे तौर पर हनन करता है. उन्हें दोनों पक्षों की बात सुननी चाहिए.
उनका निर्णय न सिर्फ अनुचित और गैरकानूनी है बल्कि यह दुर्भाग्य की बात है कि आयोग ने इसमें निष्पक्षता से निर्णय नहीं लिया. हर एक व्यक्ति को अपना पक्ष रखने का अधिकार दिया जाता है. अगर निबंधन पर कोई सरकारी कर्मचारी काम कर रहा है तो उससे भी उसका पक्ष पूछा जाता है फिर बगैर उनका पंक्ष सुनें उन पर फैसला कैसे ले लिया गया. आज इस मामले की सुनवाई होनी है.
जिन 20 विधायकों को अयोग्य करार दिया गया उनमें शामिल हैं – आदर्श शास्त्री (द्वारका), अलका लांबा (चांदनी चौक), अनिल बाजपेयी (गांधी नगर), अवतार सिंह (कालकाजी), कैलाश गहलोत (नजफगढ़), मदन लाल (कस्तूरबा नगर), मनोज कुमार (कोंडली), नरेश यादव (महरौली), नितिन त्यागी (लक्ष्मी नगर), प्रवीण कुमार (जंगपुरा), राजेश गुप्ता (वजीरपुर), राजेश ऋषि (जनकपुरी), संजीव झा (बुराड़ी), सरिता सिंह (रोहतास नगर), सोम दत्त (सदर बाजार), शरद कुमार (नरेला), शिव चरण गोयल (मोती नगर), सुखबीर सिंह (मुंडका), विजेंदर गर्ग (राजिंदर नगर) और जरनैल सिंह (तिलक नगर).

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