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”डिस्ट्रिक्ट हाॅस्पिटलों को मेडिकल काॅलेज के स्तर पर ले जायेगी सरकार”

नयी दिल्ली : नीति आयोग के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अमिताभ कांत ने मंगलवार को कहा कि सरकार जिला अस्पतालों को मेडिकल काॅलेज के स्तर तक ले जाने के तौर तरीकों पर गौर कर रही है. इस कदम से खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में डाॅक्टरों की कमी के मुद्दे से निपटने में मदद मिलेगी. उन्होंने कहा […]

नयी दिल्ली : नीति आयोग के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अमिताभ कांत ने मंगलवार को कहा कि सरकार जिला अस्पतालों को मेडिकल काॅलेज के स्तर तक ले जाने के तौर तरीकों पर गौर कर रही है. इस कदम से खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में डाॅक्टरों की कमी के मुद्दे से निपटने में मदद मिलेगी. उन्होंने कहा कि इसके अलावा भारत को बेहतर प्राथमिक स्वास्थ्य प्रणाली की जरूरत है और इस मसले के हल के लिए करीब 1.5 लाख ऐसे केंद्रों का गठन किया जा रहा है.

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अमिताभ कांत ने कहा कि देश में खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में डाॅक्टरों की भारी कमी है. इसके लिए सरकार जिला अस्पतालों को मेडिकल काॅलेज के स्तर पर ले जाने पर विचार कर रही है. उन्होंने कहा कि हम भारतीय चिकित्सा परिषद में संस्थागत बदलाव ला रहे हैं, ताकि हमारे पास देश में बड़ी संख्या में डाॅक्टर हों. पूरे ग्रामीण क्षेत्रों में डाक्टरों की भारी कमी है, इसीलिए हम इसे आगे बढ़ा रहे हैं.

मैक्स बुपा हेल्थ इंश्योरेंस के एक कार्यक्रम में कांत ने कहा कि 2018-19 के बजट में सरकार ने दो चीजों पर ध्यान दिया है. पहला, बेहतर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हो. इसके लिए देश भर में 1.5 लाख प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र स्थापित किये जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि दूसरा, स्वास्थ्य क्षेत्र में बजट में घोषित दूसरी सबसे बड़ी पहल 10 करोड़ परिवार यानी 50 करोड़ लोगों को 5 लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा उपलब्ध कराना है. उल्लेखनीय है कि बजट में राष्ट्रीय स्वास्थ्य संरक्षण योजना (एनएचपीएस) का प्रस्ताव किया गया है. इसमें देश की करीब 40 फीसदी आबादी को दायरे में लाने की योजना है.

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