नयी दिल्ली : आगामी एक अप्रैल से ताज महल की सैर करना महंगा हो जायेगा. केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने फैसला किया है कि मुख्य मकबरे को देखने के लिए 200 रुपये का शुल्क अदा करना होगा जबकि प्रवेश शुल्क 40 रुपये से बढ़ाकर 50 रुपये कर दिया गया है. मुख्य मकबरे को देखने के लिए अब तक अलग से कोई शुल्क नहीं देना पड़ता था.
केंद्रीय संस्कृति मंत्री महेश शर्मा ने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि ‘ताजमहल को बचाने’ और बेहतर भीड़ प्रबंधन के लिए ये बदलाव किये गये हैं. शर्मा ने कहा, ‘हमें आने वाली पीढ़ियों के लिए ताज महल को बचाने की जरूरत है. बारकोड से लैस नये टिकट के लिए 50 रुपये का शुल्क अदा करना होगा, जबकि पहले 40 रुपये का शुल्क देना होता था और यह सिर्फ तीन घंटों के लिए वैध होगा.’
राष्ट्रीय पर्यावरणीय इंजीनियरिंग शोध संस्थान (एनईईआरआई) की एक हालिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए शर्मा ने कहा, ‘ताज महल के मुख्य मकबरे में प्रवेश के लिए 200 रुपये के एक अलग टिकट की जरूरत होगी जिससे क्षेत्र का संरक्षण एवं बेहतर भीड़ प्रबंधन सुनिश्चित हो सके.’
‘नीरी’ ने अपनी रिपोर्ट में सिफारिश की थी कि ताज महल की पवित्रता को बचाये रखने के लिए इसके मुख्य मकबरे में आने वाले लोगों की संख्या में कमी लाने के लिए तत्काल कदम उठाये जाएं. केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘हमने सोचा कि प्रति दिन पर्यटकों की आने की संख्या पर अधिकतम सीमा तय करना व्यावहारिक विकल्प नहीं है, लेकिन हमें कुछ तो करना था. राजस्व बढ़ाने के लिए कीमत में बढ़ोतरी नहीं की गयी है, बल्कि यह सुनिश्चित करने के लिए की गयी है कि वाजिब दिलचस्पी लेने वाले लोग ही इस इलाके में आएं.’
उच्चतम न्यायालय ने हाल में उत्तर प्रदेश सरकार को निर्देश दिये थे कि वह इस स्मारक के संरक्षण पर चार हफ्तों के भीतर एक दृष्टि पत्र सौंपे. शर्मा ने यह भी कहा कि मंत्रालय ने यह सुनिश्चित करने के लिए विशेष कदम उठाये थे कि ताज महल में प्रवेश करने के लिए 1,250 रुपये का शुल्क अदा करने वाले विदेशियों को सहज माहौल मिले.
उन्होंने कहा कि विदेशी पर्यटकों के लिए आगरा रेलवे स्टेशन से लेकर ताज महल तक एक सुरक्षित गलियारा, अलग कतार और अलग शौचालय बनाये जायेंगे. उड्डयन मंत्रालय एवं सड़क परिवहन मंत्रालय के साथ मिलकर यह काम किया जायेगा. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ताज महल के आसपास ‘लपका संस्कृति’ पर लगाम लगाने के लिए सरकार पहले ही संबंधित अधिकारियों से बात कर चुकी है.
उन्होंने कहा, ‘हम विचार कर रहे हैं कि गंभीर अपराधों और संगठित अपराध की श्रेणी में लाकर इस लपका संस्कृति को कैसे खत्म किया जाये ताकि दोषियों पर उसी के मुताबिक मामला दर्ज किया जा सके.’ मंत्री ने कहा, ‘पहले हम उन्हें चेतायेंगे, फिर हम उनकी पहचान करेंगे और तब उन्हें सजा देंगे…..हम एक अप्रैल तक इसे अमल में लाना चाहते हैं. दलाल बड़ी समस्या हैं.’
उन्होंने कहा कि दलालों पर उनका रुख सिर्फ ताज महल में पर्यटकों के संरक्षण तक सीमित नहीं है, बल्कि देशभर में पर्यटकों के हित में है. गौरतलब है कि ताज महल दुनिया के सात आश्चर्यों में से एक है. इसे मुगल बादशाह शाहजहां ने अपनी पत्नी मुमताज महल की याद में 1632 में बनवाया था. वर्ष 1983 में यूनेस्को ने ताज महल को विश्व धरोहर स्थल सूची में शामिल किया था.