नयी दिल्ली : वित्तीय सेवा सचिव राजीव कुमार ने गुरुवारको कहा कि सरकार के बैंकिंग व्यवस्था को दुरुस्त करने को लेकर दिये जा रहे दबाव के कारण पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) में 11,400 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का मामला सामने आया. वित्त मंत्री अरुण जेटली को मामले में ताजा जानकारी देने के बाद उन्होंने यह बात कही.
पीएनबी ने 1.77 अरब डॉलर (करीब 11,400 करोड़ रुपये) के घोटाले का पता लगाया है. इस मामले में अरबपति जौहरी नीरव मोदी ने विदेशों में दूसरे भारतीय बैंकों से कर्ज लेने के लिए बैंक की मुंबई शाखा से धोखाधड़ी कर गारंटी पत्र (लेटर ऑफ अंडरटेकिंग) लिया. वर्ष 2011 से चल रही गड़बड़ी इस साल जनवरी में सामने आयी. जेटली से बैंक के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक के बाद कुमार ने कहा कि सरकार की तरफ से बैंकिंग व्यवस्था को साफ-सुथरा बनाने के दबाव के कारण यह धोखाधड़ी सामने आया. यह पूछे जाने पर कि धोखाधड़ी का पता चलने में इतना समय क्यों लगा, सचिव ने कहा कि यह ‘प्रणाली का मसला’ है और इस पर गौर किया जायेगा. इससे पहले दिन में कुमार ने कहा कि मामले में पाई-पाई की वसूल की जायेगी और किसी को भी बख्शा नहीं जायेगा.
वित्तीय सेवा सचिव ने कहा कि बैंक इसके लिए अपनी बैलेंसशीट में जरूरी धन का प्रावधान करेगा और उसके पास इसके लिए पर्याप्त कोष है. कुमार ने कहा, ‘पूरा पैसा वसूल किया जायेगा. किसी को भी बख्शा नहीं जायेगा.’ सचिव ने कहा कि मामला एक शाखा तक सीमित है और इसमें दोषियों के खिलाफ हर संभव कार्रवाई की जायेगी. उन्होंने कहा कि इसका असर अन्य बैंकों पर नहीं पड़ेगा.