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पीएनबी घोटाला : नीरव मोदी एक जनवरी को देश छोड़ गया, न्यूयार्क के एक अपार्टमेंट में रह रहा है!

नयी दिल्ली: केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) ने अरबपति ज्वैलरी डिजायनर नीरव मोदी और उनके साझेदार मेहुल चौकसी के पासपोर्ट रद्द करने की मांग की है. वे मेहुल रिश्ते में नीरव के मामा हैं. दोनों पंजाब नेशनल बैंक द्वारा जारी 150 गारंटी पत्रों के जरिये 11,400 करोड़ रुपये से अधिक के कथित फर्जी लेनदेन में मुख्य […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 16, 2018 7:59 AM

नयी दिल्ली: केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) ने अरबपति ज्वैलरी डिजायनर नीरव मोदी और उनके साझेदार मेहुल चौकसी के पासपोर्ट रद्द करने की मांग की है. वे मेहुल रिश्ते में नीरव के मामा हैं. दोनों पंजाब नेशनल बैंक द्वारा जारी 150 गारंटी पत्रों के जरिये 11,400 करोड़ रुपये से अधिक के कथित फर्जी लेनदेन में मुख्य आरोपी हैं. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. आरोप है कि अरबपति आभूषण डिजाइनर नीरव मोदी व उनके परिवार के कुछ सदस्यों ने पंजाब नेशनल बैंक द्वारा जारी 150 गारंटी पत्रों के जरिये 11,400 करोड़ रुपये से अधिक के फर्जी लेनदेन किए. वहीं, एनडीटीवी की खबर के अनुसार, नीरव मोदी गुरुवार को अमेरिका के न्यूयार्क के मैनहट्टन में एक अपार्टमेंट में रह रहा है. वह उस अपार्टमेंट के 36वें फ्लोर पर रह रहा है.

अधिकारियों ने कहा कि पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) के साथ धोखाधड़ी को लेकर इस समय सुर्खियों में चल रहा नीरव मोदी बैंक की ओर से इस मामले में शिकाय​त मिलने से काफी दिन पहले गत एक जनवरी को ही देश से बाहर चला गया था. उन्होंने कहा कि नीरव का भाई निशाल बेल्जियम का नागरिक है. वह भी एक जनवरी को भारत छोड़ गया. हालांकि वे दोनों साथ गए थे या अलग अलग इसकी जांच अभी की जानी है. नीरव की पत्नी और अमेरिकी ना​​गरिक एमी छह जनवरी को यहां से निकलीं. उसके रिश्तेदार तथा गीतांजलि जूलरी के प्रवर्तक मेहुल चौकसी चार जनवरी को देश छोड़कर चले गए. बैंक को इस मामले में संदेह 16 जनवरी को हुआ जबकि आरोपी कंपनी डायमंड आर यूएस, सोलार एक्सपोटर्स व स्टेलर डायमंड्स (सभी सीबीआइ की एफआइआर में आरोपी हैं) ने आयात दस्तावेजों के साथ उससे संपर्क किया और गारंटी पत्र (एलओयू) जारी करने का आग्रह किया ताकि विदेशी आपूर्तिकर्ताओं को भुगतान कर सकें. एफआइआर के अनुसार बैंक को पहले की कोई जानकारी अपनी प्रणाली में नहीं मिली.

अधिकारियों के अनुसार पीएनबी ने 280 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के बारे में 29 जनवरी को केंद्रीय जांच ब्यूरो सीबीआइ को शिकायत की थी. ऐसा माना जा रहा है कि नीरव मोदी स्विट्जरलैंड में है. वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ दावोस (स्विट्जरलैंड) में नामी भारतीय कंपनियों के मुख्य कार्यपालकों (सीईओ) के समूह के साथ फोटो में शामिल है. वर्ल्ड इकनॉमिक फोरम के सम्मेलन की इस तस्वीर को 23 जनवरी प्रेस सूचना ब्यूरो ने जारी किया था.

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इसके छह दिन बाद ही पंजाब नेशनल बैंक ने उनके खिलाफ पहली शिकायत की. अधिकारियों के अनुसार एजेंसी ने तुरंत कार्रवाई करते हुए 31 जनवरी को एफआइआर दर्ज की. उसने मुंबई व सूरत में 20 स्थानों पर तलाशी ली. चार फरवरी को नीरव मोदी तथा तीन आरोपियों के खिलाफ ‘लुक आउट नोटिस’ जारी किया गया. नीरव मोदी 2013 से ही धनी व चर्चित भारतीयों की सूची में लगातार आतारहाहै. सीबीआइ ने नीरव, उनकी पत्नी, भाई व कारोबार भागीदारी चौकसी के खिलाफ 31 जनवरी को मामला दर्ज किया था.

यह मामला पंजाब नेशनल बैंक से कथित रूप से 280 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का है. बैंक ने पहली शिकायत के पखवाड़े भर में ही सीबीआइ से संपर्क कर कहा कि यह मामला 11,400 करोड़ रुपये से अधिक के लेनदेन का है. अधिकारियों के अनुसार इस सवाल की भी पड़ताल की जा रही है कि पीएनबी ने सीबीआइ को शिकायत में सारी जानकारी न देकर, यह किस्तों में देने का फैसला क्यों किया.

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