नयी दिल्ली : ‘बच के कहां जाआेगे बच्चू’ की तर्ज पर पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) में करीब 11,400 करोड़ रुपये के घोटाले के मुख्य आरोपी नीरव मोदी के ठिकाने का पता लगाने के लिए केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआर्इ) ने इंटरनेशनल पुलिस (इंटरपोल) से मदद मांगी है. जनवरी के पहले सप्ताह में देश छोड़कर जाने वाले अरबपति आभूषण डिजाइनर नीरव मोदी और उनके परिवार का पता लगाने के लिए सीबीआई ने इंटरपोल से संपर्क साधा है. एजेंसी में धोखाधड़ी की शिकायत होने से कुछ सप्ताह पहले ही नीरव मोदी परिवार के साथ देश छोड़कर जा चुका है.
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अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई ने इंटरपोल से ‘डिफ्यूजन नोटिस’ जारी करने का अनुरोध किया है. यह नोटिस किसी व्यक्ति का पता लगाने के लिए जारी किया जाता है. इंटरपोल की वेबसाइट के अनुसार, यह (डिफ्यूजन) नोटिस के मुकाबले कम औपचारिक है, लेकिन इसका प्रयोग पुलिस जांच के संबंध में किसी व्यक्ति की गिरफ्तारी या उसके ठिकाने का पता लगाने या अतिरिक्त संबंधित सूचना पाने के लिया किया जाता है. डिफ्यूजन एक ऐसा नोटिस है जो एनसीबी (इस मामले में सीबीआई) द्वारा प्रत्यक्ष रूप से उसके पसंद के देशों या फिर इंटरपोल के सभी सदस्यों को जारी किया जाता है और इंटरपोल सूचना प्रणाली में इसका पूरा रिकार्ड रखा जाता है.
उन्होंने कहा कि सीबीआई को यकीन है कि उसे नीरव मोदी और उसके परिवार के ठिकाने का आज पता चल जायेगा. पंजाब नेशनल बैंक में 11,400 करोड़ रुपये की धोखधड़ी करने के आरोपी नीरव मोदी ने जनवरी के पहले सप्ताह में देश छोड़ा है. अधिकारियों ने बताया कि 46 वर्षीय नीरव मोदी के पास भारत का पासपोर्ट है और उसने एक जनवरी को देश छोड़ा है. वहीं, बेल्जियम के नागरिक उसके भाई ने भी उसी दिन भारत छोड़ा है. हालांकि, अभी तक यह ज्ञात नहीं है कि वे कहां गये हैं.