राजनीति में झूठ ज्यादा नहीं चलता, टूजी, थ्रीजी सब झूठा निकल गया : शीला

नयी दिल्ली : केन्द्र की भाजपा नीत सरकार के वादों को लेकर प्रहार करते हुए कांग्रेस की वरिष्ठ नेता शीला दीक्षित ने कहा है कि राजनीति में झूठ ज्यादा देर नहीं चलता. ‘लोग अब कांग्रेस को याद करने लग गये हैं. दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने कहा, अब लोग कांग्रेस को याद करने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 19, 2018 1:10 PM

नयी दिल्ली : केन्द्र की भाजपा नीत सरकार के वादों को लेकर प्रहार करते हुए कांग्रेस की वरिष्ठ नेता शीला दीक्षित ने कहा है कि राजनीति में झूठ ज्यादा देर नहीं चलता. ‘लोग अब कांग्रेस को याद करने लग गये हैं. दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने कहा, अब लोग कांग्रेस को याद करने लग गये हैं. कांग्रेस जो कहती थी, वह करती थी या करने के बाद कहती थी. ऐसा नहीं था कि केवल कहती थी.

घोटाले के ज्यादातर आरोप झूठे
उन्होंने कहा कि आप स्वयं ही देख लीजिए..टूजी, थ्रीजी सब झूठा निकल गया. राजनीति में ऊंच नीच अवश्य चलती है किंतु मेरा मानना है कि राजनीति में झूठ देर ज्यादा नहीं चलता. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार की चर्चा करते हुए कांग्रेस की वरिष्ठ नेता ने कहा, प्रधानमंत्री मोदी ‘वक्ता-प्रवक्ता’ बहुत अच्छे हैं. किंतु जमीन पर कुछ नहीं दिखाई देता. वह जिस तरह के विकास की बात करते हैं, कहीं दिखाई नहीं पड़ता. बुलेट ट्रेन, जीएसटी, नोटबंदी… आखिर इससे हल क्या हुआ? जीएसटी में लोगों को अभी तक कुछ समझ में नहीं आ रहा. कुल मिलाकर जिस तरह उम्मीदें बनी थीं, वह पूरी नहीं हुई.
क्या राहुल इतने अनुभवी हैं कि कांग्रेस चला सकें
बिल्कुल हैं. हमें यह समझना होगा कि परिवक्वता कोई ऐसी चीज नहीं कि दरवाजा खोला या पेच घुमाया और आ गयी. यह आती है अनुभव से. उन्हें दिन प्रति दिन अनुभव हो रहा है. और अच्छी बात है कि वह इसका फायदा उठा रहे हैं उन्होंने कहा, ‘‘मुझे पूरा विश्वास है कि जिस प्रकार भाजपा की सरकार चल रही है और जिस तरह लोगों का विश्वास उसके प्रति कम होता जा रहा है, कांग्रेस राहुलजी के नेतृत्व में जरूर उभर कर आयेगी.” कांग्रेस में बुजुर्ग पीढ़ी की प्रासंगिकता के सवाल पर उन्होंने कहा, ‘‘राहुल गांधी पहले ही कह चुके हैं वह सबको साथ लेकर चलेंगे. हमें अनुभव भी चाहिए और नयी दिशा भी चाहिए.”
कांग्रेस में युवा चेहरो पर क्या बोलीं शीला
पार्टी में युवा चेहरों के बारे में उनकी सोच के बारे में पूछने पर शीला ने कहा कि पिछली लोकसभा में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की सरकार में कई युवा मंत्री उभर कर आये थे. पार्टी में कई युवा लोग जैसे ज्योतिरादित्य सिंधिया, सचिन पायलट, रणदीप सुरजेवाला आदि, बहुत नये ढंग से सोचते हैं. उनकी एकदम नयी सोच है. अब उन्हें कहां और कैसे इस्तेमाल किया जाए, यह हमारे लिए एक चुनौती साबित होगा. इस चुनौती को पूरा भी किया जाएगा.
लोकतंत्र निर्णय लेता है नौकरशाह काम करते हैं
केन्द्र की राजग सरकार और दिल्ली की आप सरकार से नौकरशाही के प्रसन्न नहीं होने के चलते विभिन्न कार्यक्रमों के क्रियान्वयन पर पड़ने वाले प्रभाव के आरोपों के संबंध में सवाल किये जाने पर उन्होंने कहा कि हमें यह समझना होगा कि लोकतंत्र तो एक माध्यम है निर्णय लेने और नीतियां बनाने का. उनका क्रियान्वयन तो नौकरशाही के पास ही है उसकी भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो जाती है. उन्होंने कहा कि यदि नीति-कार्यक्रम ढंग से लागू ही नहीं हुए तो उनके बनने का ही कोई मतलब नहीं है.
नौकरशाही को साथ लेना बहुत जरूरी है. हो सकता है कि कोई ठीक ढंग से काम न कर रहा हो या भ्रष्टाचार हो तो आप यहां से वहां बदल सकते हैं. तबादले होते रहते हैं. किंतु देश क्या, पूरी दुनिया के लिए नौकरशाही बहुत अहम है. उसे अपने साथ रखना, उससे नीतियों को लागू करवाना, सही को सही और गलत को गलत बताना बहुत आवश्यक है. अगर आप ऐसा नहीं कर पा रहे हो तो आप बहुत आगे नहीं बढ़ सकते.

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