रोटोमैक बैंक धोखाधड़ी: तेज हुई कार्रवाई, आयकर विभाग ने 11 बैंक खाते जब्त किये
नयी दिल्ली :सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय के बाद अब आयकर विभाग ने रोटोमैक समूह और उसके प्रमोटरों के खिलाफ अपनी कार्रवाई तेज कर दी है. अधिकारियों ने आज कहा कि उनके खिलाफ कथित कर चोरी जांच के संबंध में 11 बैंक खातों में लेन-देन को रोक दिया गया है. अधिकारी ने कहा कि उत्तर प्रदेश […]
नयी दिल्ली :सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय के बाद अब आयकर विभाग ने रोटोमैक समूह और उसके प्रमोटरों के खिलाफ अपनी कार्रवाई तेज कर दी है. अधिकारियों ने आज कहा कि उनके खिलाफ कथित कर चोरी जांच के संबंध में 11 बैंक खातों में लेन-देन को रोक दिया गया है. अधिकारी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में विभिन्न बैंक शाखाओं में उनके खातों पर बीती रात लेनदेन पर रोक लगाई गई.
शुरुआती जब्ती कार्रवाई करीब 85 करोड़ की ‘बकाया कर मांग’ को ध्यान में रखकर की गई है. उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा पिछली जनवरी में समूह के तीन खातों में लेन-देन पर रोक लगाई गई थी. सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय सात बैंकों के समूह द्वारा कानपुर के इस समूह को दिये गए 3,695 करोड़ रूपये के कर्ज में धोखाखड़ी की जांच कर रहे हैं.सीबीआई ने बैंक ऑफ बड़ौदा से मिली शिकायत पर रोटोमैक ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड, उसके निदेशक विक्रम कोठारी, उनकी पत्नी साधना कोठारी, बेटे राहुल कोठारी और अज्ञात बैंक अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था और कल छापेमारी की थी.
क्या है पूरा मामला
केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) ने 3695 करोड़ रुपये के बैंक कर्ज में कथित हेराफेरी के संबंध में रोटोमैक पेन प्रमोटर विक्रम कोठारी और उनके परिवार के खिलाफ मामला दर्ज किया है. अधिकारियों ने आज यह जानकारी दी. पहले इसे करीब 800 करोड़ रुपये का घोटाला बताया गया था. अधिकारियों ने कहा कि बैंक ऑफ बड़ौदा की तरफ से दी गयी शिकायत पर कानपुर स्थित रोटोमैक ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड, इसके निदेशक विक्रम कोठारी, उनकी पत्नी साधना कोठारी और बेटे राहुल कोठारी तथा बैंक के अज्ञात अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया.
प्रवर्तन निदेशालय ने भी कोठारी तथा उनके परिजनों के खिलाफ धन शोधन का मामला दर्ज किया है. यह मामला 3695 करोड़ रुपये की कथित बैंक कर्ज धेाखाधड़ी से संबंधित है. सीबीआई द्वारा कल दर्ज की गयी प्राथमिकी के अध्ययन के बाद धन शोधन रोकथाम कानून के तहत मामला दर्ज किया गया है. पंजाब नेशनल बैंक में हुई 11,400 करोड़ रुपये की सनसनीखेज धोखाधड़ी के मामले के सामने आने के बाद बड़े पैमाने पर बैंकिंग धोखाधड़ी का यह दूसरा मामला है.