पढ़ें क्या है, तमिलनाडु की राजनीति का फिल्मों से रिश्ता
चेन्नई : दक्षिण भारतीय फिल्मों में धमाल मचाने के बाद तमिलनाडु की राजनीति में शामिल होने की परंपरा को अब कमल हासन आगे बढा रहे हैं. कमल ने कल अपनी पार्टी ‘‘मक्कल नीति मय्यम’ के गठन की घोषणा कर औपचारिक रूप से राजनीति में उतरने का एलान कर दिया. हालांकि इससे लोगों को कोई अचरज […]
चेन्नई : दक्षिण भारतीय फिल्मों में धमाल मचाने के बाद तमिलनाडु की राजनीति में शामिल होने की परंपरा को अब कमल हासन आगे बढा रहे हैं. कमल ने कल अपनी पार्टी ‘‘मक्कल नीति मय्यम’ के गठन की घोषणा कर औपचारिक रूप से राजनीति में उतरने का एलान कर दिया. हालांकि इससे लोगों को कोई अचरज नहीं हुआ क्योंकि तमिलनाडु में फिल्मों में काम करने के बाद राजनीति में उतरने की यह कोई नयी घटना नहीं हैं, साथ ही इस बात के संकेत वे पहले भी दे चुके थे.
चेन्नई फिल्म उद्योग ने राज्य को मुख्यमंत्री भी दिए हैं. इसका शुभारंभ हुआ अपने समय के मशहूर अभिनेता एमजी रामचंद्रन से जिन्होंने सिल्वर स्क्रीन पर तीन दशक तक बादशाहत कायम रखने के बाद मुख्यमंत्री की कुर्सी हासिल की. उन्हीं के पद चिह्नों पर चलीं मशहूर अभिनेत्री जे जयललिता.
1991 से 2006 तक तमिलनाडु की राजनीति पर उनका दबदबा रहा. द्रमुक संस्थापक सीएन अन्नादुरई एक प्लेराइटर थे जिन्होंने मशहूर फिल्म वेलाइकारी की पटकथा लिखी थी. पूर्व मुख्यमंत्री एम करूणानिधि का नाम भी फिल्म जगत में काफी मशहूर था जिन्होंने अनेक फिल्मों की स्क्रिप्ट और संवाद लिखे थे. गुजरे जमाने के अभिनेता एसएस राजेन्द्रन का भी राजनीति में अच्छा दखल रहा है. उन्होंने आम चुनाव जीता था और लोक सभा तथा राज्यसभा के लिए भी चुने गए थे.
इनके अलावा अनेक ऐसे अभिनेता भी हैं जो सिल्वर स्क्रीन से राजनीति में आए लेकिन यहां इनका जादू नहीं चला. रामचंद्रन के समकालीन अभिनेता गणेशन बेहद मशहूर अभिनेता थे. वे कांग्रेस और डीएमके में शामिल रहे . बाद में उन्होंने अपनी पार्टी बना ली थी. हालाकि वे 1989 में चुनाव हार गए थे. ऐसा ही एक नाम है अभिनेता विजयकांत का .
उन्होंने 2005 में डीएमडीके का गठन किया और बाद में 2011 चुनाव में ज्यादा सीटों पर जीत हासिल करने के लिए अन्नाद्रमुक से जुड गए. अर्से से अच्छा प्रदर्शन करती आ रही पार्टी 2016 में अपना खाता ही नहीं खोल सकी और विजयकांत की जमानत तक जब्त हो गई .