टूडो के भोज में अलगावववादी अटवाल को न्यौता पर हरकत में विदेश मंत्रालय, एमपी ने मांगी माफी
नयी दिल्ली : कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन टूडो के भोज मेंखालिस्तानी अलगावादी जसपाल अटवाल को आमंत्रण दिये जाने पर भारतीय विदेश मंत्रालय हरकतमें है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने आज मीडिया ब्रीफिंग में कहा है किविदेश मंत्रालय दोषी साबित हो चुके खालिस्तानी अलगाववादी जसपाल अटवाल को वीजा जारी करने के मामले में अपने […]
नयी दिल्ली : कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन टूडो के भोज मेंखालिस्तानी अलगावादी जसपाल अटवाल को आमंत्रण दिये जाने पर भारतीय विदेश मंत्रालय हरकतमें है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने आज मीडिया ब्रीफिंग में कहा है किविदेश मंत्रालय दोषी साबित हो चुके खालिस्तानी अलगाववादी जसपाल अटवाल को वीजा जारी करने के मामले में अपने मिशन से जानकारी हासिल कर रहा है.जसपालअटवाल उसी वक्त भारत के दौरे पर हैजबकनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन टूडो भारत के दौरे पर आये हैं.
कनाडा के सांसद रणदीप एस सारइ ने इस बात की जिम्मेवारी ली है कि प्रधानमंत्री टूडो के डीनर में उन्होंने ही खालिस्तान अलगाववादी को आमंत्रित किया था. उन्होंने कहा है कि उन्होंने ही इस अहम आयोजन में अटवाल को बुलाया था और मैं इसकी जिम्मेवारी लेता हूं. उन्होंने इसके लिए माफी मांगा है.
मंगलवार को मुंबई में एक कार्यक्रम में कथित रूप से कनाडा के प्रधानमंत्री से जसपाल अटवाल ने मुलाकात भी की है और मीडिया में जस्टिन की पत्नी के साथ सिख अलगाववादी जसपाल अटवाल का फोटो भी आया है. हालांकि कनाडा उच्चायोग ने आज होने वाले भोज में जसपाल अटवाल के आमंत्रण को रद्द कर दिया है. न्यूज एजेंसी एएनआइ केअनुसार, कनाडा के विज्ञान एवं खेल मंत्री क्रिस्टी डनकेन ने कहा है कि अटवाल को आमंत्रित नहीं किया जाएगा. हमने उसके आमंत्रण को रद्द कर दिया है हम यह देख रहे हैं कि आखिर ऐसा कैसे हुआ.
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क्या कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन टूडो हमारे अच्छे दोस्त नहीं हैं?
इस संंबंध में कनाडा के पीएमओ ने भी बयान दिया है.कनाडाके पीएमओ ने कहा है कि अटवाल हमारे प्रधानमंत्री के भारत दौरे के ऑफिसियल डेलीगेशन का पार्ट नहीं हैं और न ही उसे प्रधानमंत्री कार्यालय ने आमंत्रित किया. लोग स्वयं के स्तर पर अंतरराष्ट्रीय यात्राएं करते हैं.
बहरहाल, इस मामले की पड़ताल के बाद ही पता चलेगा कि आखिर भारतीय मंत्री मलकीत सिंह सिद्धू पर वैंकुअर में1986 में हमले का आरोपी व इसी आरोप में 20 साल सजा काट चुका अटवाल का कनाडा के पीएम के दौरे के समय ही भारत आना एक संयोग है या इसके कुछ और मायने हैं. हालांकि पहले से ही कनाडा के पीएम पर खालिस्तान अलगाववादियों के प्रति वोट के लिए नरम रुख रखने का आरोप लगता रहा है.
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