चुनाव आयोग के खिलाफ भाजपा का प्रदर्शन

वाराणसी : अरुण जेटली सहित भाजपा के शीर्ष नेताओं ने चुनाव आयोग और निर्वाचन अधिकारी के खिलाफ प्रदर्शन किया जिन्होंने नरेंद्र मोदी को यहां उनकी पसंदीदा जगह पर जनसभा करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया. अमित शाह और अनंत कुमार के साथ जेटली ने काशी हिंदू विश्वविद्यालय के गेट पर धरना देकर चुनाव […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 7, 2014 6:24 PM

वाराणसी : अरुण जेटली सहित भाजपा के शीर्ष नेताओं ने चुनाव आयोग और निर्वाचन अधिकारी के खिलाफ प्रदर्शन किया जिन्होंने नरेंद्र मोदी को यहां उनकी पसंदीदा जगह पर जनसभा करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया.

अमित शाह और अनंत कुमार के साथ जेटली ने काशी हिंदू विश्वविद्यालय के गेट पर धरना देकर चुनाव अधिकारी प्रांजल यादव के कथित भेदभावपूर्ण रुख को लेकर आरोप लगाया और उन्हें हटाने की मांग की. इलाके में अस्पताल और बाजार होने के साथ ही भारी संख्या में पार्टी समर्थकों के वहां जमा होने से अव्यवस्था पैदा हो गयी.

भाजपा नेता जब तक धरने के लिए पहुंचते उससे बहुत पहले सुबह से ही पार्टी कार्यकर्ता और स्थानीय नेता प्रदर्शन में जुट गए जिससे यातायात बाधित हुआ. प्रदर्शन स्थल पर बड़ी संख्या में त्वरित कार्रवाई बल और पुलिसकर्मी तैनात किये गए हैं. बड़ी संख्या में मीडिया की भी मौजूदगी है.

भाजपा नेता ने कहा, यदि आप सुरक्षा सुनिश्चित नहीं कर सकते तो देश में चुनाव नहीं करायें. लेकिन यदि आप चुनाव करवाते हैं तो कृपया निष्पक्ष एवं समान अवसर मुहैया करवायें. उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयोग उम्मीदवार को प्रचार करने के अधिकार से वंचित नहीं कर सकता है. राहुल गांधी वाराणसी में रोड शो कर सकते हैं लेकिन नरेंद्र मोदी रैली नहीं कर सकते. सुरक्षा के कार्ड का इस्तेमाल चुनिंदा तरीके से किया जा रहा है. भाजपा के प्रवक्ता प्रकाश जावडेकर ने कहा कि मोदी को रैली की इजाजत देने से इनकार करके निर्वाचन आयोग ने उत्तर प्रदेश सरकार के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है.

जावेडकर ने इस संबंध में वाराणसी जिला मजिस्ट्रेट एवं निर्वाचन अधिकारी प्रांजल यादव की कार्रवाई को बिल्कुल गलत करार देते हुए कहा कि निर्वाचन आयोग ऐसे व्यक्ति का बचाव कर रही है जिसका बचाव नहीं किया जा सकता. उन्होंने यादव के स्थानांतरण की मांग की. मोदी की रैली को अनुमति नहीं दिये जाने के विरोध में भाजपा कार्यकर्ताओं ने आज वाराणसी और दिल्ली में प्रदर्शन किये.

अरुण जेटली ने सवाल उठाया कि मोदी के वाराणसी में धरना देने पर पाबंदी है क्या. उन्हें इजाजत क्यूं नहीं दी जा रही है. उन्होंने कहा, जानबूझकर उन्हें बेनियाबाग में रैली करने की इजाजत नहीं दी गयी, चुनाव अधिकारी पक्षपात कर रहे हैं.

भाजपा नेता अरुण जेटली ने कहा, निर्वाचन आयोग के प्रति अपनी निराशा को मैं छुपा नहीं सकता हूं.संवैधानिक पदों पर नियुक्त व्यक्तियों को निडर होना चाहिए. डरपोक व्यक्ति उच्च संस्थाओं को बौना बना सकते हैं. उन्होंने निर्वाचन आयोग पर आरोप लगाया कि मतदान के हाल के चरण के दौरान हुई कथित बूथ कैप्चरिंग की घटनाएं रोकने के मामलों में साफ दिखा कि हालात पर उसकी पकड नहीं है.

जेटली ने कहा, निर्वाचन आयोग पूरा समय हम पर (भाजपा) नजर रखता है. वह चुनाव के दौरान छोटी मोटी घटनाओं से निपटने में भी अत्यंत सतर्क रहता है. वह इस बात को लेकर चिंतित है कि कौन किस विशेषण इस्तेमाल कर रहा है. लेकिन जब बूथ कैप्चरिंग की घटनाएं रोकने की बात आती है, जो एक दशक के बाद 2014 के चुनाव में फिर से सामने आई हैं, तो उसकी हालात पर पकड नहीं रहती.

उन्होंने आरोप लगाया कि वाराणसी शहर में वहां के निर्वाचन अधिकारी के मोदी की रैली नहीं होने देने के रुख को नजरअंदाज करके आयोग ने प्रधानमंत्री पद के भाजपा उम्मीदवार को उसके निर्वाचन क्षेत्र में प्रचार करने के उसके अधिकार से वंचित करने के लिए सुरक्षा के कार्ड का इस्तेमाल किया है.

मोदी को वाराणसी में रैली के साथ- साथ गंगा आरती में शामिल होने की भी इजाजत नहीं दी गयी है. चुनाव अधिकारी निष्पक्ष नहीं है. हम चुनाव अधिकारी के तबादले की मांग करते है. निर्वाचन आयोग द्वारा नरेन्द्र मोदी को भाजपा के पसंदीदा स्थल पर रैली की अनुमति देने से इंकार किए जाने के बाद भगवा पार्टी की आयोग से तगडी ठन गयी है और पार्टी ने मोदी के यहां के गुरुवार के सभी कार्यक्रमों को रद्द करते हुए गुरुवार से ही प्रदर्शन करने का ऐलान किया है. पार्टी ने इसके साथ ही वाराणसी के निर्वाचन अधिकारी तथा जिला मजिस्ट्रेट प्रांजल यादव को तत्काल हटाए जाने की मांग की है जिन्होंने बुधवार देर रात कहा कि उन्होंने भाजपा द्वारा मांगी गयी पांच कार्यक्रमों की अनुमति में से चार के लिए अनुमति प्रदान की थी.

पार्टी ने हालांकि इस कदम को नकारते हुए कहा कि यह अनुमति काफी देर से दी गयी है. बेनियाबाग में भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी को रैली की अनुमति नहीं दिए जाने को लेकर जहां भाजपा ने आयोग पर हमला बोला है वहीं कांग्रेस के सूत्रों का कहना है कि राहुल गांधी मोदी की सोमवार को अमेठी में आयोजित रैली के जवाब में यहां दस मई को एक रोडशो करेंगे. रोडशो के लिए चुनाव प्रशासन को आवेदन दिया गया है. भाजपा ने चुनाव आयोग पर मूकदर्शक बने रहने और मोदी को रैली आयोजित करने की मंजूरी नहीं देने संबंधी चुनाव अधिकारी की भूमिका के काफी पक्षपातपूर्ण होने का आरोप लगाया. निर्वाचन अधिकारी ने अपनी इस कार्रवाई के लिए संभावित सांप्रदायिक तनाव संबंधी खुफिया रिपोटरें का हवाला दिया था.

भीडभाड वाले बेनियाबाग इलाके में जहां भाजपा ने रैली की अनुमति मांगी थी, वहां सांप्रदायिक तनाव का रिकार्ड रहा है और कानून व्यवस्था संबंधी घटनाएं होने की आशंका रही है. भाजपा इस बात पर जोर दे रही थी कि वह इसी स्थान पर रैली आयोजित करेगी, कहीं और नहीं. वाराणसी के चुनाव अधिकारी प्रांजल यादव को तत्काल हटाये जाने की मांग करते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली ने कहा कि वह, अमित शाह एवं अन्य नेता बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के बाहर और दिल्ली में चुनाव आयोग के बाहर धरना देंगे.

जेटली ने निर्वाचन आयोग को तीन लंबे चौडे पत्र लिखकर सवाल किया है कि क्या निर्वाचन आयोग निर्वाचन अधिकारी के आचरण को चुपचाप स्वीकार कर रहा है. अपने चौथे पत्र में जेटली ने ऐलान किया कि पार्टी शहर के बाहरी इलाके रोहनिया में रैली के बाद मुख्य कार्यालय में मोदी के दौरे के अलावा मंदिरों के शहर में उनके कल के सभी कार्यक्रम रद्द कर दिए गए हैं.उन्होंने कहा, इन हालात में , भाजपा वाराणसी में कल तीन कार्यक्रमों में से कोई भी आयोजित नही करेगी. उन्होंने कहा, हम कल वाराणसी में और कल सुबह 11 बजे आपके कार्यालय के बाहर धरना देंगे. इस कार्रवाई के लिए हमें आपकी जरुरत नहीं है. अपने पत्र में जेटली ने कहा कि यदि इस समय भी इतनी देर रात अनुमति दी जाती है तो रैली के प्रचार का कोई अवसर नहीं है. स्थानीय भाजपा विधायक श्याम देवराय चौधरी पहले ही जिला प्रशासन के कार्यालय के बाहर धरने पर बैठ चुके हैं.

भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के लिए क्षेत्र में डेरा डाले जेटली ने तीन सदस्यीय चुनाव आयोग पर निशाना साधते हुए कहा, जब कमजोर लोग उच्च पदों पर हों, तब लोकतंत्र खतरे में आ जाता है. जेटली ने कहा, यदि राहुल गांधी और अरविंद केजरीवाल वाराणसी में रोडशो और पूजा कर सकते हैं वहीं हमारे उम्मीदवार को रैली की अनुमति से इंकार किया जा रहा है. भाजपा और चुनाव आयोग के बीच इस युद्ध के बीच वाराणसी जिला प्रशासन ने देर रात मोदी के चार कार्यक्रमों को अनुमति प्रदान कर दी लेकिन भाजपा ने इसे ठुकराते हुए कहा कि अनुमति बहुत देर से दी गयी है.

इस विवाद के बाद भाजपा ने कहा कि वह जिला प्रशासन के पूर्वाग्रहपूर्ण आचरण के कारण मोदी की रैली तथा गंगा आरती को रद्द करने को बाध्य हो गयी है. बहरहाल, चुनाव अधिकारी ने कहा कि भाजपा के एक नेता के आवेदन के आधार पर मोदी को वैकल्पिक स्थान पर रैली आयोजित करने की अनुमति दी गई है.उन्होंने कहा कि बुद्धिजीवियों के साथ बैठक और गंगा पूजन समेत मोदी के अन्य कार्यक्रमों को मंजूरी दी गई है. वे जानबूझकर इसे मुद्दा बना रहे हैं. चुनाव उपायुक्त विनोद जुत्शी ने दिल्ली में कहा, आयोग इस संबंध में मूक दर्शक बने रहने या पूर्वाग्रह से ग्रसित होने के आरोप को स्वीकार नहीं करता.

यदि कोई अधिकारी पक्षपातपूर्ण तरीके से काम करते हुए पाया जाता है या अपने कर्तव्य का पालन नहीं कर रहा है तो आयोग अधिकारी के खिलाफ उचित कडी कार्रवाई करेगा. जेटली ने सीईसी वी एस संपत से बात की और आज इस विषय पर तीन अलग अलग पत्र भी लिखे तथा चुनाव अधिकारी को तत्काल हटाये जाने की मांग की. उन्होंने कहा कि अगर चुनाव अधिकारी इस पद पर बने रहते हैं तो वाराणसी में स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव संभव नहीं है. उन्होंने कहा, हम चुनाव आयोग से पूरी तरह से निराश हैं जब वह मूकदर्शक के रुप में बैठा रहता है और इन विषयों पर हस्तक्षेप करने में सक्षम नहीं है एवं अधिकारी को हटाने में विफल रहता है. हमारे पास विरोध के सिवाय और कोई विकल्प नहीं है.

उधर, मोदी के करीबी सहयोगी और भाजपा महासचिव अमित शाह ने देर शाम संवाददाता सम्मेलन में कहा, अनुमति अंतिम क्षणों में मिली है. यदि अनुमति दी जानी थी तो इतनी देरी क्यों की. उन्होंने साथ ही कहा कि मंजूरी मिलने में देरी के कारण मोदी के कार्यक्रम रद्द रहेंगे.

जेटली ने कहा, मैं धरना दूंगा. निर्वाचन आयोग अपने प्राधिकार का इस्तेमाल नहीं करने का दोषी है. निर्वाचन अधिकारी इस पद पर एक मिनट भी नहीं रह सकते. सीईसी को एक पत्र में जेटली ने कहा, मुझे खेद है कि निर्वाचन आयोग की ओर से मुझे मौखिक या लिखित कोई जवाब नहीं मिला है. वाराणसी में 12 मई को मतदान से जुडी सरगर्मी तेज होने के बीच भाजपा ने आज आरोप लगाया कि वाराणसी लोकसभा सीट से चुनाव अधिकारी के पक्षपातपूर्ण ढंग से काम करने के कारण पार्टी को रैली रद्द करने को बाध्य होना पडा है.

मोदी अब रोहनिया क्षेत्र में कल रैली के बाद मोटर काफिले में शहर से गुजरेंगे जबकि भाजपा नेता अरुण जेटली एवं अमित शाह बीएचयू के सामने लंका गेट पर धरने पर बैठेंगे. मोदी शहर से होते हुए सिगरा क्षेत्र में पार्टी के चुनाव कार्यालय जायेंगे और उसके बाद हवाई अड्डे के लिए रवाना होंगे.भाजपा उपाध्यक्ष मुख्तार अब्बास नकवी और हर्षवर्धन चुनाव आयोग के सामने धरने पर बैठेंगे. दिल्ली में नकवी ने कहा कि मोदी को वाराणसी में अपने विचार रखने और प्रचार करने से रोकने के लिए बाधा खडी की जा रही है. उन्होंने इसमें राजनीतिक साजिश की आशंका व्यक्त की और चुनाव अधिकारियों के बहाने को हास्यास्पद करार दिया.

शाह ने आरोप लगाया कि देर से अनुमति देना दर्शाता है कि निर्वाचन अधिकारी किसी और के इशारे पर काम कर रहे हैं क्योंकि जेटली ने रात्रि आठ बजे उन्हें और निर्वाचन आयोग को लिखे पत्र में कहा है कि अब रैली के लिए समय नहीं बचा है और इसलिए भाजपा को अब अनुमति की जरुरत नहीं है.उन्होंने कहा, यह वाराणसी के लोगों के साथ एक बडा मजाक है कि भाजपा के यहां के उम्मीदवार और प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार को रैली करने की अनुमति नहीं दी जा रही है. भाजपा द्वारा निर्वाचन अधिकारी के खिलाफ शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने की बात कहते हुए शाह ने आरोप लगाया, निर्वाचन अधिकारी निश्चित रुप से किसी के इशारे पर काम कर रहे हैं और वह स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित नहीं कर सकते.

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