नयी दिल्ली : केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने शनिवार को पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) में 11,400 करोड़ रुपये के घोटाले के सिलसिले में बैंक के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुनील मेहता और कार्यकारी निदेशक केवी ब्रह्माजी राव से पूछताछ की.
इस घोटाले में कथित रूप से हीरा कारोबारी नीरव मोदी और गीतांजलि जेम्स के मेहुल चौकसी शामिल हैं. अधिकारियों ने कहा कि पीएनबी अधिकारियों से पूछताछ में यह समझने का प्रयास किया गया है कि बैंक ने कैसे इस घोटाले को पकड़ा. साथ ही अन्य प्रक्रियागत मुद्दों और उल्लंघनों के बारे में भी समझने का प्रयास किया गया. अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि मेहता और ब्रह्माजी राव से पूछताछ अभियुक्त के रूप में नहीं की गयी. आरोप है कि मामा-भांजे मेहुल चौकसी और नीरव मोदी की जोड़ी को धोखाधड़ीपूर्ण तरीके से 293 गारंटी पत्र जारी किये गये.
अधिकारियों ने इस बारे में और ब्योरा देने से इनकार करते हुए कहा कि इस मामले में गिरफ्तार 12 और आरोपियों से भी पूछताछ चल रही है. उन्होंने कहा कि एजेंसी ने पहली बार पीएनबी के शीर्ष अधिकारियों से पूछताछ की है. यह घोटाला छह साल तक पकड़ में नहीं आ सका. इससे देश की पूरी बैंकिंग प्रणाली पर सवाल उठने लगा है. पीएनबी की वेबसाइट के अनुसार राव एकीकृत जोखिम प्रबंधन प्रभाग, ऋण (परिचालन) 50 करोड़ रुपये से अधिक के कर्जवाले खातों की निगरानी (स्टाॅक आॅडिट और पोर्टफोलियो प्रबंधन सेवा), औद्योगिक पुनर्वास आदि के प्रभारी हैं. राव ने 1982 में विजया बैंक से परवीक्षाधीन अधिकारी के रूप में शुरुआत की थी. मेहता ने 1982 में कृषि फील्ड अधिकारी के रूप में इलाहाबाद बैंक से शुरुआत की थी. सीबीआई ने इस मामले में अभी तक 12 आरोपियों को गिरफ्तार किया है.