आभासी दुनिया के लोगों को ऐसे आकर्षित करेगा आरएसएस
नयी दिल्ली: चुनावों में सूचना प्रौद्योगिकी के महत्व को लोगों ने पहली बार वर्ष 2014 के चुनाव में जाना. बिजनेस को बढ़ाने में प्रौद्योगिकी की भूमिका के बारे में सभी जानते ही हैं. इसलिए टेक्नोलॉजी के इस दौर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) भी पीछे नहीं रहना चाहता. इस कवायद के तहत संघ न केवल […]
नयी दिल्ली: चुनावों में सूचना प्रौद्योगिकी के महत्व को लोगों ने पहली बार वर्ष 2014 के चुनाव में जाना. बिजनेस को बढ़ाने में प्रौद्योगिकी की भूमिका के बारे में सभी जानते ही हैं. इसलिए टेक्नोलॉजी के इस दौर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) भी पीछे नहीं रहना चाहता. इस कवायद के तहत संघ न केवल अपने सेवा कार्यों की जानकारी जन-जन तक पहुंचायेगा, बल्कि ‘ई-शाखा’ एवं ‘आईटी मिलन’ कार्यक्रमों के जरिये भी नयी पीढ़ी में पैठ बना रहा है.
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आरएसएस के एक वरिष्ठ प्रचारक ने बताया कि आरएसएस ‘गाथा’ नामक एक App की शुरुआत करने जा रहा है. उम्मीद है कि इसे दो महीने में पेश किया जा सकेगा. हाल ही में जयपुर में संघ की अखिल भारतीय सेवा समन्वय की बैठक में इसका खाका तैयार किया गया था. ‘गाथा’ App के माध्यम से संघ अपने संगठन, इतिहास के साथ ही पास में लगने वाली शाखा की जानकारी प्रदान करेगा.
इस पर अपलोड कियेगये वीडियो के माध्यम से शाखा कार्यक्रमों एवं गतिविधियों को पेश किया जा सकेगा. इस App का उपयोग मोबाइल एंड्राॅयड एवं उपकरणों के माध्यम से किया जा सकेगा. संघ की कोशिश प्रौद्योगिकी के जरिये युवाओं को अपने कार्यों, तौर-तरीकों के बारे में बताना और उनके सवालों एवं शंकाओं का समाधान करने की है.
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आरएसएस के वरिष्ठ प्रचारक राजीव तुली ने बताया कि संघ ने ‘ज्वाइन आरएसएस’ पहल शुरू की है, जो एक आॅनलाइन कार्यक्रम है. इसके तहत आभासी दुनिया में रहने वाले लोगों के लिए ‘वास्तविक शाखा’ का आयोजन किया जा रहा है. यह पहल खास तौर पर आईटी, बीपीओ समेत आईसीटी क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए है. संघ यह पहल बेंगलुरु, हैदराबाद, मुंबई, तिरुवनंतपुरम जैसे सूचना प्रौद्योगिकी केंद्रों में आईटी पेशेवरों एवं युवाओं को जोड़ने के उद्देश्य से कर रहा है.
39 देशों में चलती है संघ की शाखाएं : संघ के एक अन्य पदाधिकारी ने बताया कि आईटी क्षेत्र के ऐसे लोग जो खुद शाखाओं में हिस्सा लेने नहीं जा पाते हैं, वे इंटरनेट के माध्यम से हमसे जुड़ सकते हैं. किसी संगठन से हमेशा भौतिक रूप से जुड़ना जरूरी नहीं है. उन्होंने बताया कि अमेरिका, मॉरीशस, ब्रिटेन समेत 39 देशों में संघ की मौजूदगी है. फिनलैंड, जिम्बाब्वे, केन्या जैसे देशों में लोग ‘ई-शाखा’ के माध्यम से जुड़ रहे हैं.
युवाओं को संघ से जोड़ने के लिए 3 साल का खाका तैयार : आरएसएस ने पिछले कुछ समय में साॅफ्टवेयर क्षेत्र से जुड़े लोगों का नेटवर्क तैयार किया है. ऐसे युवाओं के लिए ‘आईटी मिलन’ कार्यक्रम आयोजित कर रहा है. उन्होंने बताया कि संघ ने युवाओं को बड़े पैमाने पर लोगों को संगठन से जोड़ने के लिए 3 वर्ष का एक खाका तैयार किया है. इसमें 15 वर्ष से कम आयु के तरुणों को नियमित शाखा से जोड़ने और 15 वर्ष से अधिक आयु के किशोरों के लिए साप्ताहिक मिलन कार्यक्रम की पहल को तत्परता से आगे बढ़ाया जायेगा.