सीबीएसर्इ ने पासिंग मार्क्स में किया बड़ा बदलाव, दिव्यांग छात्र ले सकेंगे लैपटाॅप की मदद

नयी दिल्ली : केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसर्इ) ने पासिंग मार्क्स में बड़ा बदलाव किया है. नये बदलाव के तहत अब से छात्रों को ओवरऑल 33 फीसदी अंक लाने होंगे. इसमें इंटरनल एसेसमेंट और थियोरी के अंक भी शामिल होंगे. पासिंग मार्क्स में किया गया यह बदलाव मुख्य रूप से 10वीं के छात्रों पर लागू […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 28, 2018 9:40 PM

नयी दिल्ली : केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसर्इ) ने पासिंग मार्क्स में बड़ा बदलाव किया है. नये बदलाव के तहत अब से छात्रों को ओवरऑल 33 फीसदी अंक लाने होंगे. इसमें इंटरनल एसेसमेंट और थियोरी के अंक भी शामिल होंगे. पासिंग मार्क्स में किया गया यह बदलाव मुख्य रूप से 10वीं के छात्रों पर लागू होगा. इसके साथ ही, बोर्ड ने 10वीं आैर 12वीं क्लास से दिव्यांग स्टुडेंट परीक्षा के दौरान मदद के लिए लैपटाॅप का भी इस्तेमाल कर सकेंगे. बोर्ड के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार यह फैसला मुख्य रूप से छात्रों को राहत के देने के लिए लिया गया है. यह नियम इसी बार के बोर्ड परीक्षा से लागू होगा.

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यह नियम अतिरिक्त विषयों पर भी लागू होगा. गौरतलब है कि 30 जनवरी 2017 को सीबीएसई बोर्ड ने दसवीं बोर्ड की परीक्षा को दोबारा से शुरू करने की बात कही थी. बोर्ड ने ही उस दौरान सभी विषय अलग-अलग पास करने के लिए 33 फीसदी अंक लाने की अनिवार्यता तय की थी.वहीं वोकेशनल विषय के लिए इंटरनल एससमेंट के 50 अंक है. अलग-अलग विषय में अलग से पास करने का नियम इस कोर्स पर लागू नहीं होगा. बोर्ड ने कुछ दिन पहले ही बोर्ड परीक्षा के लिए एडमिट कार्ड जारी किया था. छात्र अपने स्कूल से एडमिट कार्ड ले सकते हैं. बोर्ड ने प्री-बोर्ड परीक्षा में खराब प्रदर्शन करने वाले छात्रों को भी एडमिट कार्ड देने की बात कही थी.

इसके साथ ही, बोर्ड ने यह भी कहा कि विशेष जरूरत वाले बच्चे कक्षा 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा में इस साल से परीक्षा में लिखने के लिए कंप्यूटर या लैपटॉप की मदद ले सकेंगे. बोर्ड ने इस बाबत प्रस्ताव स्वीकार कर लिया है. इसके लिए उम्मीदवारों को किसी चिकित्सक या योग्य मनोवैज्ञानिक परामर्शदाता की ओर से प्रमाण पत्र पेश करना होगा, जिसमें कंप्यूटर की सुविधा की सिफारिश की गयी हो. इसके साथ ही, सिफारिश का आधार भी बताया गया हो. सीबीएसई की परीक्षा समिति ने अपनी हालिया बैठक में इस साल से विशेष जरूरत वाले बच्चों को रियायत देने संबंधी मुद्दे का समाधान कर दिया.

आदेश में कहा गया कि कंप्यूटर का इस्तेमाल उत्तर टाइप करने, बड़े आकार के शब्दों में प्रश्नों को देखने और प्रश्न सुनने में किया जा सकता है. संबद्ध उम्मीदवार फॉरमेट किया हुआ कंप्यूटर अथवा लैपटॉप लायें और केंद्र का अधीक्षक कंप्यूटर की जांच किये जाने के बाद ही उम्मीदवार को इसकी इजाजत देगा. इसमें कहा गया कि कंप्यूटर/लैपटॉप में इंटरनेट कनेक्शन नहीं होना चाहिए. इस तरह की व्यवस्था के लिए उम्मीदवार को पहले से अनुरोध करना होगा.

बोर्ड के अनुसार, उम्मीदवार के टाइप करके निकाले गये उत्तरों के प्रिंट आउट पर निरीक्षक हस्ताक्षर करेगा और केंद्र अधीक्षक इसकी पुष्टि करेगा. बोर्ड ने रीडर के प्रावधान को भी मंजूरी दे दी. रीडर ऐसे मामले में उपलब्ध कराया जायेगा, जहां विशिष्ट रूप से सक्षम छात्र को कंप्यूटर, लैपटॉप जैसी सुविधा की जगह प्रश्नपत्र पढ़ने के लिए किसी व्यक्ति की आवश्यकता हो.

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