शाबाश! ऑटो रिक्शा चलानेवाले की बेटी ने जज की परीक्षा में किया टॉप
कहते हैं कि अगर किसी चीज को दिल से चाहो तो सारी कायनात उसे तुमसे मिलाने में लग जाती है. बशर्ते उसे पाने के लिए आपकी कोशिश ईमानदार होनी चाहिए. एक बार फिर इस बात को साबित किया है उत्तराखंड की पूनम टोडी ने. देहरादून की रहने वाली पूनम ने प्रांतीय सिविल सेवा (पीसीएस-न्यायिक) 2016 […]
कहते हैं कि अगर किसी चीज को दिल से चाहो तो सारी कायनात उसे तुमसे मिलाने में लग जाती है. बशर्ते उसे पाने के लिए आपकी कोशिश ईमानदार होनी चाहिए. एक बार फिर इस बात को साबित किया है उत्तराखंड की पूनम टोडी ने.
देहरादून की रहने वाली पूनम ने प्रांतीय सिविल सेवा (पीसीएस-न्यायिक) 2016 में टॉप किया है. पूनम बेहद सामान्य परिवार से हैं और उनके पिता ऑटो रिक्शा चलाते हैं. गुरुवार को पीसीएस-जे परीक्षा के परिणाम घोषित किये गये. यह कामयाबी इसलिए भी अहम है, क्योंकि जज बनने के लिए पूनम दो बार इंटरव्यू तक पहुंचकर असफल हो चुकी थीं, तीसरे प्रयास में उन्हें यह सफलता मिली है.
10वीं से आगे नहीं पढ़ पाये पिता
देहरादून के धर्मपुर निवासी अशोक कुमार टोडी पारिवारिक जिम्मेदारियों के चलते 10वीं से आगे नहीं पढ़ पाये. उन्होंने पढ़ाई छोड़कर टिहरी में दुकान चलानी शुरू कर दी. टिहरी बांध बनने के बाद परिवार देहरादून आ गया.
अशोक कुमार ने यहां भी दुकान शुरू की, लेकिन नहीं चल पायी. आखिरकार परिवार की जरूरतें पूरी करने के लिए उन्होंने ऑटो चलाना शुरू कर दिया. उन्होंने ऑटो चलाकर चारों बच्चों को पढ़ाया.
संघर्ष की जीत
बेटी की इस उपलब्धि से उत्साहित पिता अशोक कुमार का कहना है कि वह शब्दों में बयां नहीं कर सकते कि वे कितने खुश हैं. बेटी ने जो किया है, उससे सिर गर्व से ऊंचा हो गया है. मां लता टोडी भी काफी खुश हैं. वह कहती हैं कि जिस बाप ने बच्चों को पढ़ाने के लिए उम्र भर ऑटो चलाया, आज यह सफलता उन्हीं की जीत है.
इन दिनों…
पूनम ने स्कूली शिक्षा के बाद डीएवी पीजी कॉलेज से बीकॉम, एमकॉम और एलएलबी पास की. इन दिनों पूनम एससीईआरटी कैंपस बादशाहीथौल से एलएलएम की पढ़ाई कर रही हैं. हाल ही में उनका चयन उत्तर प्रदेश में सहायक अभियोजन अधिकारी के पद पर भी हुआ है. चार भाई बहनों में पूनम तीसरे स्थान पर हैं. उनके दो भाई-बहन की शादी हो चुकी है. एक छोटा भाई अभी पत्रकारिता की पढ़ाई कर रहा है.
कहती हैं पूनम
पूनम ने बताया कि उन्होंने चार साल तक परीक्षा की तैयारी की है. मैंने डिटेल में पढ़ाई की, कोई भी शॉर्टकट नहीं तलाशा. लॉ से जुड़े पूरे सिलेबस को गहराई से अध्ययन किया. इसी का नतीजा है कि पूरे सिलेबस की काफी जानकारी हो गयी. सभी कंसेप्ट क्लियर हो गये. उन्होंने दिल्ली में कोचिंग की. इसके अलावा, देहरादून में भी कुछ दिन इंटरव्यू की तैयारी की थी.